जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। लद्दाख में 25 सितंबर को हुई हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। केंद्र सरकार ने शिक्षाविद और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है, जबकि वांगचुक ने इसे “स्कैपगोट टैक्टिक” और “विच हंट” करार दिया। इस बीच CBI ने उनके संस्थान SECMOL के खिलाफ FCRA उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। लेह में कर्फ्यू जारी है और 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सोनम वांगचुक का प्रेस कॉन्फ्रेंस और CBI जांच
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वांगचुक आज (26 सितंबर) दोपहर 2:30 बजे लेह में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
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उन्होंने कहा, “मैं PSA के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हूं, लेकिन जेल में होना हालात को और बिगाड़ सकता है।”
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CBI ने SECMOL के खिलाफ FCRA जांच शुरू की है। गृह मंत्रालय पहले ही उनका FCRA लाइसेंस रद्द कर चुका है।
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वांगचुक का कहना है, “हम विदेशी फंड नहीं ले रहे; सच जांच में सामने आ जाएगा।”
केंद्र का आरोप और वांगचुक का जवाब
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गृह मंत्रालय ने कहा कि वांगचुक के “उकसाने वाले बयान” (अरब स्प्रिंग और नेपाल जन-जेड प्रोटेस्ट का जिक्र) से लेह में हिंसा भड़की।
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इस हिंसा में 4 लोगों की मौत और 80 से ज्यादा घायल हुए। भीड़ ने BJP कार्यालय को आग लगा दी।
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मंत्रालय का कहना है कि 25-26 सितंबर को LAB और KDA नेताओं से बैठक तय थी, लेकिन हिंसा ने हालात बिगाड़े।
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वांगचुक ने कहा: “6 साल से अधूरे वादों (राज्य का दर्जा, 6ठी अनुसूची) और बेरोजगारी को छिपाने के लिए मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सोशल मीडिया पर बहस
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अरविंद केजरीवाल (AAP): “सोनम वांगचुक जैसे देशभक्त को घटिया राजनीति से प्रताड़ित किया जा रहा है।”
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सौरभ भारद्वाज (AAP): “अगर गिरफ्तारी हुई तो दिल्ली में बड़ा शांतिपूर्ण आंदोलन होना चाहिए?”
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कांग्रेस: BJP पर फेक फोटो शेयर कर वांगचुक को बदनाम करने का आरोप लगाया।
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सोशल मीडिया पर बहस:
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समर्थक: वांगचुक को “देशभक्त” और “लद्दाख की आवाज़” बता रहे हैं।
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आलोचक: उन्हें “CIA कनेक्शन” या “चीन समर्थक” करार दे रहे हैं।
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एक वायरल पोस्ट: “बिना सबूत CIA का आरोप BJP IT सेल की पुरानी ट्रिक है।”
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लेह में कर्फ्यू
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लेह में कर्फ्यू जारी है, 50 लोग गिरफ्तार, स्कूल-कॉलेज 2 दिन के लिए बंद।
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LG ने सिक्योरिटी मीटिंग कर हालात पर नजर रखी।
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वांगचुक ने 10 सितंबर को अनशन शुरू किया था – राज्य का दर्जा और 6ठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर।
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उन्होंने 2024 में चेताया था कि बेरोजगारी (33.6%) और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व की कमी से स्थिति “विस्फोटक” हो सकती है।