न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। ‘मित्रों’ एप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इसे चीन के शॉर्ट वीडियो एप टिकटॉक का देशी विकल्प माना जा रहा है। हर दिन करीब 50 लाख लोग इसे डाउनलोड कर रहे हैं।
‘मित्रों’ एप को आईआईटी रुड़की के छात्रों ने तैयार किया है। टिकटॉक को इससे कड़ी टक्कर मिल रही है। ये एप अप्रैल 2020 में लॉन्च हुआ था। 31 साल के आईआईटी रुड़की के पासआउट शिवांक अग्रवाल के नेतृत्व में 5 सदस्यों की टीम ने इसे बनाया है।
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रोचक बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अभिवादन में अक्सर ‘मित्रों’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। कहा जा रहा इस एप के लिए यही से नाम लिया गया है।
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ये प्लेटफार्म लोगों को अपने वीडियो अपलोड करने की सहूलियत दे रहा है। अप्रैल और 25 मई के बीच इसके डाउनलोड में 4 गुना का इजाफा हुआ है। एप इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टावर के आंकड़ों से इसका पता चलता है। गूगल प्ले स्टोर पर इसे 5 में से 4.7 की रेटिंग मिली है।
इस सेल्फ फंडेड एप के बारे में टीम के प्रवक्ता ने बताया, ”जब हमने इसे लॉन्च किया था तो हमारा किसी से प्रतिस्पर्धा करने का इरादा नहीं था। हमारा मकसद लोगों को चीन के टिकटॉक का विकल्प देना था। हम मानते हैं कि भारतीय कंज्यूमर को कंटेंट क्रिएट करने के लिए भारतीय प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए।यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे इसका इस्तेमाल करते हैं या नहीं। लेकिन, हम शुरुआती नतीजों से खुश हैं।”
मित्रों नाम से ही इसे काफी फ्री पब्लिसिटी मिली है। प्रवक्ता के अनुसार, ”मित्रों का मतलब होता है दोस्त। अगर हमने इसका नाम ‘फ्रेंड्स’ रखा होता तो कोई सवाल नहीं करता। हम भारतीय नामों के साथ इसी तरह की धारणा को खत्म करना चाहते हैं।”
यह खबर ऐसे समय आई है जब देश में टिकटॉक की लोकप्रियता घट रही है। मार्च और मई के बीच इसे डाउनलोड करने की संख्या में 48 फीसदी की गिरावट आई है। यह 3.57 करोड़ से घटकर 1.85 करोड़ रह गई है। दुनिया भर में चीन के खिलाफ माहौल बन रहा है। चीन की बनी चीजों का विरोध किया जा रहा है। इससे दूसरे प्रोडक्टों को फायदा मिल रहा है।
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