न्यूज डेस्क
असम पिछले काफी दिनों से चर्चा में है। दरअसल असम नहीं एनआरसी चर्चा में है। चर्चा में इसलिए है क्योंकि देश सम्मानित लोगों को विदेशी घोषित किया गया है। लोग बेवजह परेशान हो रहे हैं। कारगिल युद्ध के नायक और पूर्व सेना अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह के बाद अब पंजाब में तैनात भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में सेवारत अधिकारी और उनकी पत्नी को विदेशी घोषित कर दिया गया है।
असम के विदेशी प्राधिकरण ने हाल ही में बीएसएफ में सेवारत अधिकारी और उनकी पत्नी को अवैध विदेशी घोषित कर दिया है। बीएसएफ में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) के पद पर कार्यरत मुजीबुर रहमान, जो वर्तमान में पंजाब में तैनात हैं, और उनकी पत्नी को जोरहाट के विदेशी प्राधिकरण ने विदेशी घोषित किया है।
यह भी पढ़ें : तो क्या असम में रह रहे हैं 1.17 लाख विदेशी
रहमान असम-नागालैंड सीमा से लगे गोलाघाट जिले के मीरापनी के उदयपुर-मिकिरपट्टी के निवासी हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अतीत में विदेशी प्राधिकरण से कोई नोटिस नहीं मिला था। हाल ही में जब मैं छुट्टियों के दौरान घर आया था, तो हमें प्राधिकरण का विदेशी घोषित करने वाला नोटिस मिला।
उन्होंने कहा कि हमारी नागरिकता संदेह से परे है। हम वास्तविक भारतीय नागरिक हैं। हमें विदेशी घोषित करना केवल यही साबित करता है कि सीमा पुलिस ने अपने कर्तव्य का ठीक से निवर्हन नहीं किया।
रहमान ने कहा कि, वे इस मामले में पहले ही गुवाहाटी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। उन्होंने कहा, “ना तो मैं और ना ही मेरी पत्नी डरे हुए हैं। हमारे पास हमारे पुरखों के 1930 के जमीन के कागजात हैं। सीमा पुलिस के एक अधिकारी ने शराबी की बात को सच मानकर हमारे खिलाफ विदेशी प्राधिकरण में रिपोर्ट दाखिल कर दी।
यह भी पढ़ें : वाह रे सरकार – करगिल युद्ध के हीरो को बता दिया ‘विदेशी’
हालांकि उन्होंने अधिकारी का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले पर वह केस खत्म हो जाने के बाद बात करेंगे।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले, असम के कामरूप जिले के विदेशी प्राधिकरण ने सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी घोषित कर दिया था, जिसके बाद सनाउल्लाह को बंदी शिविर में डाल दिया गया था। हालांकि बाद में गुवाहाटी हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal

