स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीजेपी को रोकने के लिए शिवपाल यादव ने विपक्षी एकता का राग अलापा है। उन्होंने कुछ दिन पूर्व भी कहा था कि बीजेपी को रोकना है तो पूरे विपक्ष को एक साथ आना होगा।
इतना ही नहीं उन्होंने कई बार सपा के साथ गठबंधन करने की बात कही है। हालांकि सपा ने अभी तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। शिवपाल के इस ऑफर पर अखिलेश ने भी कोई खास ठोस जवाब नहीं दिया है।
दूसरी ओर शिवपाल 2020 विधानसभा चुनाव के लिए अभी से कमर कस ली है। इसके लिए पूरे विपक्ष को एक साथ लाने की बात कह रहे हैं। सपा के आलावा भी शिवपाल अन्य पार्टियों से भी मुलाकात कर रहे हैं। इस कड़ी में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात कर यूपी में सियासी पारे को बढ़ा डाला है।

शिवपाल के आवास पर दोनों नेताओं में करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। बता दें कि इससे पहले योगी सरकार के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मिले और गठबंधन की संभावनाएं तलाशी।
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अब शिवपाल यादव ने ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात सूबे की राजनीति में एकाएक हलचल बढ़ा दी है। बैठक के बाद शिवपाल यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ‘हमलोग तो राजनीतिक व्यक्ति हैं और पिछड़े और उपेक्षित भी हैं। समय की मांग है कि इकट्ठे हों और इकट्ठे होकर ही लड़ाई लड़ी जा सकती है।
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अभी तो शुरुआत है लेकिन आगे 2022 में हमलोग मिलकर चुनाव लडऩा चाहते हैं। जितने भी उपेक्षित लोग हैं, जिनको सम्मान नहीं मिल रहा है सभी इकट्ठे हों और इकट्ठे होकर ही लड़ाई लड़ी जा सकती है।
वहीं राजभर ने कहा कि, जो वंचित समाज है और जो लोग अलग अलग लड़ रहे हैं, सबको 2022 चुनाव के लिए एक साथ लाने पर चर्चा की गई है। अब देखना होगा कि शिवपाल और ओमप्रकाश राजभर की मुलाकात का असर सपा पर क्या पड़ता है।
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