जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. एक वरिष्ठ नागरिक को अपने नाम की वजह से पिछले 11 साल से परेशान होना पड़ रहा है. अशोक अग्रवाल नाम के इस वरिष्ठ नागरिक की दिक्कत यह है कि विदेश जाने के लिए वह जब भी एयरपोर्ट पहुँचते हैं तो वहां उन्हें पूछताछ के लिए बिठा लिया जाता है और यह बताया जाता है कि आपके खिलाफ लुकआउट नोटिस है.

इस वरिष्ठ नागरिक का कहना है कि पिछले 11 साल से लगातार उनके साथ यही होता आ रहा है. हर बार की पूछताछ के बाद अधिकारी संतुष्ट हो जाते हैं और उन्हें जाने दिया जाता है. लेकिन वह अगली बार एयरपोर्ट पहुँचते हैं तो वही प्रक्रिया फिर शुरू हो जाती है.
बार की परेशानी से नाराज़ इस वरिष्ठ नागरिक ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया तो जस्टिस नवीन चावला ने केन्द्रीय पासपोर्ट संगठन और आव्रजन ब्यूरो को नोटिस जारी करते हुए इस समस्या का समाधान पूछा. दोनों विभागों को 20 अक्टूबर को अदालत में अपना जवाब दाखिल करना है.
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अशोक अग्रवाल के वकील ने अदालत से कहा कि जब उनके खिलाफ देश में कहीं कोई मुकदमा नहीं है तो फिर पिछले 11 साल से एयरपोर्ट पर उनसे पूछताछ क्यों की जा रही है. वकील ने बताया कि 31 अगस्त 2017 और 14 मार्च 2018 को ईमेल के ज़रिये मुम्बई और नई दिल्ली के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय ने आश्वस्त किया कि उन्हें विदेश यात्रा के दौरान परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन इसके बाद भी उनकी दिक्कतें अब तक दूर नहीं हो पाईं. वकील ने अदालत से कहा है कि अशोक अग्रवाल को भविष्य में परेशानी से बचाया जाए और बीते 11 साल में उन्हें जो परेशानी झेलनी पड़ी उसका मुआवजा दिलाया जाए.
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