जुबिली न्यूज डेस्क
इंफाल। मणिपुर में शांति बहाली की दिशा में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर राज्य के छह जिलों में संयुक्त अभियान चलाया। इस दौरान पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में सक्रिय अलग-अलग उग्रवादी संगठनों के 14 कैडरों को गिरफ्तार किया गया।

सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन के दौरान 21 हथियार, भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, प्रतिबंधित सामान और युद्ध में इस्तेमाल होने वाला अन्य साजो-सामान भी बरामद किया है। इस कार्रवाई को मणिपुर में लंबे समय से जारी हिंसा और उग्रवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ी सफलता माना जा रहा है।
खुफिया इनपुट पर आधारित सटीक ऑपरेशन
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार यह पूरा अभियान सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया, जिससे किसी बड़े नुकसान से बचा जा सका। गिरफ्तार सभी आरोपियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित एजेंसियों को सौंप दिया गया है।नसुरक्षा बलों ने साफ किया है कि राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे अभियान आगे भी लगातार जारी रहेंगे।
सैन्य कार्रवाई के साथ राजनीतिक पहल
जहां एक ओर सुरक्षा एजेंसियां सैन्य अभियानों के जरिए उग्रवाद पर कड़ा प्रहार कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार भी राजनीतिक स्तर पर शांति बहाली की कोशिशों में जुटी है। सोमवार को मई 2023 के बाद पहली बार कुकी और मैतेई समुदाय से जुड़े बीजेपी विधायकों की दिल्ली में बैठक हुई, जिसे अहम माना जा रहा है।
गौरतलब है कि मणिपुर में फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। हालिया बैठकों के बाद राज्य में सरकार गठन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी दो दिवसीय मणिपुर यात्रा के दौरान कहा था कि पहाड़ और घाटी एक-दूसरे के पूरक रहे हैं और सभी समुदायों से शांति व सुलह बनाए रखने की अपील की थी।
मैतेई समुदाय जहां घाटी क्षेत्रों में बहुसंख्यक है, वहीं कुकी जनजातियां पहाड़ी इलाकों के कई जिलों में बड़ी संख्या में रहती हैं। ऐसे में यह संयुक्त सुरक्षा और राजनीतिक प्रयास मणिपुर में स्थायी शांति की उम्मीद जगा रहे हैं।
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