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गंगा की अविरलता को लेकर आमरण अनशन कर रही मातृसदन की अनुयायी 22वर्षीय साध्वी पद्मावती से भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने मुलाकात की। उन्होंने गंगा की अविरलता और निर्मलता को बेहद जरूरी बताया।
गौरतलब है कि साध्वी पद्मावती का आमरण अनशन मंगलवार को 24वें दिन भी जारी रहा। साध्वी पद्मावती गंगा रक्षा के लिए एक्ट बनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हैं। बता दें मातृ सदन में पहले भी दो संत गंगा की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे चुके हैं।

मंगलवार को तीन बजे मातृसदन पहुंचे स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने पद्मावती की कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने स्वामी शिवानंद सरस्वती से गंगा को लेकर चर्चा की। बाद में पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि गंगा की चिंता सभी को करनी चाहिए।
गंगा भारतीय संस्कृति की आधार है। उसे निर्मल और अविरल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज तो वे सामान्य तौर पर शिष्टाचार भेंट करने आए थे। आंदोलन को समर्थन देने के बारे में वे विचार विमर्श के बाद ही निर्णय लेंगे।
इससे पहले मातृ सदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि जब रायवाला से भोगपुर तक गंगा और सहायक नदियों में खनन पर रोक लगाने की बात लिखित में कही गई है तो फिर श्यामपुर में खनन कैसे शुरू कराया गया। केंद्र सरकार ने वादा खिलाफी की है। केंद्र सरकार को जल्दी ही गंगा एक्ट बनाना चाहिए। इसके अलावा उत्तराखंड में प्रस्तावित चार जल विद्युत परियोजनाओं को तुरंत निरस्त करने की।
मातृसदन में दो संत गंगा की रक्षा के लिए अनशन करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे चुके हैं। वर्ष 2011 में ब्रह्मचारी निगमांनद ने गंगा में अवैध खनन बंद करने की मांग को लेकर अनशन किया था। बाद में उनका देहावसान हो गया था। वर्ष 2018 में जाने-माने वैज्ञानिक रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ जीडी अग्रवाल ने भी गंगा की रक्षा के लिए अनशन करते हुए अपने प्राणों का बलिदान किया था।
अमरण अनशन पर बैठीं साध्वी की ये हैं प्रमुख मांगें
- गंगा पर निर्माणाधीन और प्रस्तावित बांधों को निरस्त किया जाए।
- आईआईटी के विशेषज्ञों के अध्ययन के मुताबिक गंगा में 50 प्रतिशत प्रवाह निरंतर जारी रखा जाए।
- गंगा और सहयोगी नदियों में खनन को लेकर एनएमसीजी की ओर से जारी किए गए सभी आदेशों का पालन कराया जाए।
- गंगा को बचाने के लिए अध्यादेश लाना पड़े तो उसे भी तुरंत लाया जाए, ताकि राजनेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों का गंगा के मामले में हस्तक्षेप बंद हो।
- गंगा एक्ट बनाने और इस पर विस्तृत चर्चा के लिए मातृ सदन सहित समान विचारधारा वाली संस्थाओं को शामिल किया जाए।
- हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अबुर्द कृष्णराज को तुरंत निलंबित किया जाए।
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