जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। साल 2011 की फिल्म चिल्लर पार्टी में दिखाया गया दृश्य आज हकीकत बन गया है। तब फिल्म में बच्चों ने अपने दोस्त और उसके स्ट्रे डॉग को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी, और आज दिल्ली की सड़कों पर डॉग लवर्स की रैली उसी दृश्य की झलक दिखा रही है।
वजह है सुप्रीम कोर्ट का हालिया आदेश, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम्स में रखा जाए।
इस आदेश ने लोगों को दो खेमों में बांट दिया है,एक तरफ वो लोग हैं जिन्हें रोजाना डॉग बाइट्स का डर है, और दूसरी तरफ डॉग लवर्स हैं जो इसे अमानवीय मान रहे हैं।
आवारा कुत्तों की संख्या और खतरा
पशुपालन मंत्रालय की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 1.6 करोड़ से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। वहीं, Pet Homelessness Index of India 2022 में यह संख्या करीब 6.2 करोड़ बताई गई। अकेले दिल्ली में एमसीडी के मुताबिक लगभग 10 लाख स्ट्रे डॉग्स हैं।
- NCDC के अनुसार, 2024 में देशभर में 37.17 लाख डॉग बाइट केस दर्ज हुए।
- WHO के मुताबिक, भारत में हर साल लगभग 20,000 लोग रेबीज से मरते हैं, जिनमें से 95% मामले स्ट्रे डॉग्स से जुड़े होते हैं।
- औसतन हर दिन 54-55 मौतें रेबीज की वजह से होती हैं।
- इसी वजह से कोर्ट के फैसले का समर्थन करने वाले लोग इसे सुरक्षा से जोड़कर देख रहे हैं।
डॉग लवर्स का तर्क
डॉग लवर्स का कहना है कि लाखों कुत्तों को शेल्टर में रखना व्यावहारिक नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कोर्ट के आदेश को “अजीब और गुस्से में दिया गया निर्णय” बताया। उनका कहना है कि दिल्ली में कोई सरकारी शेल्टर नहीं है और ऐसे शेल्टर बनाने में कम से कम ₹15,000 करोड़ का खर्च आएगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दिल्ली से कुत्तों को हटाया गया तो पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में गैर-बधियाकृत कुत्ते आ जाएंगे। मेनका गांधी ने सवाल उठाया—
“अगर आज आप कुत्तों को हटाएंगे तो कल बंदर आएंगे। कब तक किस जानवर को हटाते रहेंगे?”
क्या है समाधान?
- इस बहस के बीच सवाल यही है—विकल्प क्या है?
- एबीसी (Animal Birth Control) फॉर्मूला
- कुत्तों को पकड़कर नसबंदी और टीकाकरण।
- इसके बाद उन्हें उसी इलाके में छोड़ा जा सकता है।
- एमसीडी के मुताबिक पिछले 3 सालों में 2.7 लाख कुत्तों की नसबंदी की गई है।
अडॉप्शन (Adoption)
- विदेशों की तरह कुत्तों को गोद लेने की व्यवस्था।
- हालांकि, दिल्ली जैसे शहर में 10 लाख कुत्तों का अडॉप्शन प्रैक्टिकल नहीं है।
- विदेशी मॉडल
- ब्रिटेन में स्थानीय प्रशासन कुत्तों की देखरेख करता है।
- सिंगापुर में पकड़ो-नसबंदी-टीकाकरण नीति लागू है।
- जापान में शेल्टर से कुत्तों को अडॉप्शन के लिए दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि 6-8 हफ्तों में सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर में भेजा जाए। कोर्ट ने साफ किया कि एक बार शेल्टर में ले जाए गए कुत्तों को वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
आज (शुक्रवार) कोर्ट इस मामले में याचिकाओं पर सुनवाई कर अंतिम आदेश सुनाएगा।
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