जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन रहा और इसी बीच राजद ने अपने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी।
हालांकि, इस लिस्ट के साथ ही महागठबंधन की पुरानी समस्या एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है,कई सीटों पर कांग्रेस और राजद दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं।
सबसे ताज़ा उदाहरण सुल्तानगंज सीट का है, जहां कांग्रेस पहले ही ललन यादव को टिकट दे चुकी थी, लेकिन राजद ने वहां से चंदन सिन्हा को मैदान में उतार दिया है। ऐसे ही करीब 12 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति न सिर्फ गठबंधन के मतदाताओं में भ्रम पैदा करेगी, बल्कि सीटों के समीकरण पर भी असर डाल सकती है।
पहले चरण के लिए 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान होना है, जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया सोमवार को समाप्त हो गई। इस दौरान कुल 1,375 नामांकन पत्र स्वीकार किए गए। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
इधर, जहां महागठबंधन टिकटों की जंग में उलझा दिखाई दे रहा है, वहीं एनडीए (NDA) खेमे में स्थिति अपेक्षाकृत शांत है। भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटवारा लगभग तय है और संगठनात्मक मजबूती के मामले में NDA फिलहाल बढ़त में दिख रहा है।
राजद की इस लिस्ट को जहां कुछ लोग “राजनीतिक मजबूरी” बता रहे हैं, वहीं विरोधी दलों का कहना है कि यह महागठबंधन के भीतर अविश्वास और समन्वय की कमी का संकेत है। अब देखना यह होगा कि इस “लाल लिस्ट” से लालू परिवार की रणनीति को कितना फायदा होता है और कांग्रेस के लिए यह कितनी चुनौती बनती है।
बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के लिए राष्ट्रीय जनता दल द्वारा चयनित प्रत्याशियों की सूची।
सभी उम्मीदवारों को हार्दिक बधाई एवं विजय की अग्रिम शुभकामनाएं। #Bihar #RJD pic.twitter.com/QI7ckgoIQ6
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 20, 2025