न्यूज डेस्क
रिम्स के पेईंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद के पर भी कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है। सोमवार को उनका इलाज करने वाले डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में पिछले लगभग तीन सप्ताह से भर्ती एक मरीज पॉजिटिव पाया गया है।
इसके बाद डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट के साथ साथ मेडिसिन विभाग के 22 सीनियर डॉक्टर, पीजी छात्र व कर्मियों ने कोरोना की जांच के लिए अपना सैंपल दे दिया है।
अब लालू प्रसाद का सैंपल लिए जाने को लेकर रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद का इलाज करने वाले डॉक्टर की अनुशंसा के बाद ही लालू प्रसाद का सैंपल लिया जाएगा।
डॉ सिंह ने बताया कि आईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुसार जिस यूनिट में लालू प्रसाद का इलाज चल रहा है, उस यूनिट के डॉक्टरों की रिपोर्ट आने के बाद यदि किसी में संक्रमण की पुष्टि होती है तो लालू प्रसाद की भी जांच कराई जाएगी। डॉक्टर ने यह भी बताया कि जब से कोरोना का संक्रमण फैला है डॉक्टर लालू प्रसाद से सीधे संपर्क में नहीं आते हैं।
दूर से ही दो तीन मिनट उनसे बीमारी के बारे में बातचीत करके लौट जाते हैं। यूनिट के सभी लोगों ने कोरोना की जांच का सैंपल दे दिया है। कल तक रिपोर्ट आ जाएगी उसके बाद लालू प्रसाद के सैंपल लिए जाने पर फैसला लिया जाएगा।
अप्रैल के पहले सप्ताह में झारखंड के जेलों में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। बैठक में तय हुआ कि आर्थिक आपराधिक और सात साल से ज्यादा सजा वालों को पैरोल नहीं दी जाएगी। वहीं गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़ सात साल की कम सजा वाले कैदियों की पैरोल का विरोध सरकार कोर्ट में नहीं करेगी।
उच्च स्तरीय बैठक के बाद लालू प्रसाद के पैरोल पर चल रहा संशय थम गया है। आर्थिक अपराध का आरोपी होने के कारण लालू प्रसाद को पैरोल नहीं मिला। बैठक में हाईकोर्ट के जस्टिस एससी मिश्रा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, जेल आईजी शशि रंजन व डालसा के सचिव मौजूद थे।