लखनऊ. किसी राष्ट्र या समाज की उन्नति के लिए सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का ढांचा है। हमारे देश में आज कई बड़े-बड़े शिक्षा के केंद्र स्थापित किए गए हैं। बड़ी संख्यां में मेडिकल, इंजीनियरिंग से लेकर मैनेजमेंट के इंस्टिट्यूट हैं। लेकिन जब बात क्वालिटी एजुकेशन कि होती है तो हम काफी पीछे नजर आते हैं।
दरअसल हमारे यहां कि बेसिक एजुकेशन को लेकर ही कई तरह कि समस्याएं हैं। ऐसे में स्कूली शिक्षा में प्रदर्शन को लेकर केंद्र सरकार पहली बार राज्यों की ग्रेडिंग जारी करने जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय अगले सप्ताह इस रिपोर्ट को जारी कर सकता है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, केरल, गुजरात और चंडीगढ़ ने 800 से 850 के बीच अंक लाकर ग्रेड-1 में जगह पाने में कामयाबी हासिल की है। वहीं, यूपी, बिहार और झारखंड को 600 से 650 के बीच अंक लाने की वजह से पांचवीं ग्रेड में स्थान मिला है। इन राज्यों से नीचे सिर्फ उत्तर-पूर्व के तीन राज्य हैं।
रिपोर्ट में एक और अहम बात ये है कि कोई भी राज्य पहले तीन स्तरों में शामिल नहीं हो पाया है। इन तीन स्तरों में जगह पाने के लिए 951 से 1000, 901 से 950 और और 851 से 900 अंक के बीच अंक लाने की आवश्यकता थी।
बता दें कि स्कूली शिक्षा की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रदर्शन के आधार पर राज्यों की ग्रेडिंग तैयार करने का निर्देश दिया था।
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