जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित विशेष चर्चा के दौरान अपने संबोधन में विपक्षी सदस्य द्वारा बीच में टोके जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। भाषण के दौरान किसी विपक्षी सदस्य की टिप्पणी सुनते ही उन्होंने सख्त लहजे में कहा— “कौन बैठाएगा? क्या बात करते हो? चुप रहो।”
उन्होंने स्पीकर ओम बिरला का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि सदन की मर्यादा भंग करने वाले ऐसे सदस्यों को रोकना बेहद जरूरी है।
“संसद की गरिमा मैंने कभी नहीं तोड़ी”: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री ने कहा कि संसद में कोई भी अपनी बात रख सकता है—चाहे सच बोले या थोड़ा इधर-उधर—लेकिन शोर-शराबा नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्होंने सांसद के तौर पर सदन की मर्यादा कभी नहीं तोड़ी, और उनके बारे में कोई यह आरोप नहीं लगा सकता।
वंदे मातरम् के साथ अन्याय: तुष्टीकरण की राजनीति की शुरुआत
राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि वंदे मातरम् के साथ जो अन्याय हुआ, वह कोई अकेली घटना नहीं थी, बल्कि तुष्टीकरण की राजनीति की शुरुआत थी, जिसे कांग्रेस ने आगे बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि “आजाद भारत में राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत को समान दर्जा देने की बात थी, लेकिन कांग्रेस ने वंदे मातरम् को खंडित किया।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि जिस बंगाल की धरती पर वंदे मातरम् की रचना हुई, उसी धरती पर इसे कमजोर करने का प्रयास किया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि संविधान में यह दायित्व जोड़ा जा सकता है कि राष्ट्रगीत को भी राष्ट्रगान के समान सम्मान मिले।
बैठ…. के बाद क्या बोला है?🔥
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“राजनाथ सिंह” भूल रहे हैं ये देश की संसद है घर की चौपाल नहीं!🔥🔥 pic.twitter.com/SEpsqhaA2X
— 🏅Samajwadi A K (@Samajwadi_AK) December 8, 2025
“आनंद मठ इस्लाम के खिलाफ नहीं”
बंकिमचंद्र चटर्जी की रचना आनंद मठ और वंदे मातरम् को लेकर विवादों पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह कभी भी इस्लाम के विरोध में नहीं था।
उन्होंने दावा किया कि आज पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर परिवारों को पलायन करना पड़ रहा है और इसके पीछे तृणमूल कांग्रेस की “विभाजनकारी राजनीति” और “घुसपैठियों को बढ़ावा” जिम्मेदार हैं।
निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाना: बड़ी साजिश का हिस्सा
रक्षा मंत्री ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे चुनावी हार की आशंका में संवैधानिक संस्थाओं, विशेषकर निर्वाचन आयोग, पर हमले कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तेजी से शहरीकरण, लगातार पलायन और मौतों के कारण मतदाता सूचियों में गड़बड़ियां आती हैं, इसलिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) आवश्यक है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना “साजिश का हिस्सा” है और इससे लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
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