जुबिली स्पेशल डेस्क
जयपुर। राजस्थान का सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस की सरकार अब राजस्थान में अब मुश्किलों में नजर आ रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार सचिन पायलट की उड़ान को रोकने का काम कर रहे हैं।
इसका नतीजा ये हुआ कि राजस्थान में कांग्रेस एक बार फिर दो फाड़ में नजर आ रही है।अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे से ठीक पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट ने बवाल काटा लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं।

दरअसल सचिन पायलट को रोकने के लिए इस बार जो पासा गहलोत ने फेंका लेकिन अब उनका ये दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है और वो कामयाब नहीं होता दिख रहा है क्योंकि हाईकमान का मूड भांपते हुए विधायकों ने पलटी मारना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटे में कई विधायक सामने आ चुके हैं, जिन्होंने खुलकर मीडिया के सामने कहा है कि पार्टी आलाकमान का हर फैसला उन्हें मंजूर है और पायलट को सीएम बनाए जाने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
विधायक खुशवीर सिंह जोजावर ने मंगलवार को सुबह एएनआई से बातचीत में कहा कि वह आलाकमान के साथ हैं और जो भी फैसला किया जाएगा वह उन्हें मंजूर है। उन्होंने कहा है कि वह राजनीति में रहें या ना रहें लेकिन आलाकमान के फैसले को सहर्ष स्वीकार करेंगे।
इससे पहले 80 से अधिक विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया है। इन विधायकों की एक राय है कि नए मुख्यमंत्री को लेकर फैसला गहलोत की मर्जी के मुताबिक होना चाहिए।
इन लोगों को लग रहा है कि हाईकमान सचिन पायलट को सीएम बनाने का मन बना लिया है जिसकी वजह से गहलोत के गुट बगावत करने पर उतारू हो गए है। हालांकि अब नई जानकारी सामने आ रही है कि गहलोत गुट ने पायलट को सत्ता से दूर रखने समेत 3 शर्तें पार्टी नेतृत्व के सामने रखी हैं।
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