Friday - 3 October 2025 - 11:42 AM

विजयादशमी पर राजा भैया का शस्त्र पूजन, 700 हथियारों की नुमाइश से मचा बवाल

जुबिली न्यूज डेस्क 

लखनऊ। विजयादशमी के अवसर पर इस बार उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में धार्मिक रस्म से ज्यादा राजा भैया के शस्त्र पूजन की चर्चा रही। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा से कई बार विधायक रहे कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपने बेंती स्थित राजमहल में परंपरा निभाते हुए शस्त्र पूजन किया।

लेकिन इस बार विवाद इसलिए बढ़ा क्योंकि पूजा में एक लंबी मेज पर 700 से अधिक हथियारों की नुमाइश की गई। वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सवाल उठने लगे कि इतने हथियार आए कहां से? और क्या ये सभी वैध हैं?

सनातन परंपरा या शक्ति प्रदर्शन?

हर साल दशहरे पर राजा भैया शस्त्र पूजन करते हैं। मान्यता है कि भगवान राम ने रावण वध के बाद अपने अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की थी, ताकि धर्म रक्षा के लिए शस्त्र हमेशा पवित्र बने रहें।

इस बार भी बेंती महल में हनुमानजी की प्रतिमा के सामने मंत्रोच्चार के बीच पूजन हुआ। लेकिन वायरल वीडियो में राजा भैया खुद हथियारों को स्पर्श करते दिख रहे हैं, जबकि उनके सामने पिस्टल, रिवॉल्वर, 12 बोर बंदूकें, राइफलें और थर्टी कारबाइन जैसी आधुनिक असलहे कतार में रखे हुए थे।

पत्नी के आरोपों से जुड़ा विवाद

इस नुमाइश की टाइमिंग ने भी राजनीति गरमा दी है। कुछ हफ्ते पहले राजा भैया की पत्नी कुंवर भानवी सिंह ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि राजा भैया के पास अवैध विदेशी हथियारों का जखीरा है, जो खतरनाक साबित हो सकता है।

भानवी ने यह भी कहा था कि इन हथियारों से उन्हें जान का खतरा है। उन्होंने पीएमओ और सीएम योगी आदित्यनाथ को शिकायत भेजी थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। इसी के बाद दशहरे पर राजा भैया का इस तरह सार्वजनिक शस्त्र पूजन और हथियारों की नुमाइश कई सवाल खड़े कर रही है।

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राजा भैया का जवाब

पूजन के बाद राजा भैया ने कहा—
“ये सारे शस्त्र हमारे हैं। जो हमारा है, वो समर्थकों का है और जो समर्थकों का है, वो हमारा है।”

उनके करीबी लोगों ने साफ किया कि—

  • ये सभी हथियार राजा भैया और उनके परिवार के नाम पर वैध लाइसेंस पर हैं।

  • परिवार में 700 से अधिक सदस्य, करीबी और नौकरों तक के नाम पर लाइसेंस मौजूद हैं।

  • उनके भाई और विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह के पास भी लाइसेंसी हथियार हैं।

राजा भैया ने इसे दशहरे की परंपरा बताया और कहा कि ये धर्म रक्षा के प्रतीक हैं, न कि हिंसा के।

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