जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में मंगलवार तड़के बादल फटने से अफरातफरी मच गई।
अचानक आए सैलाब की चपेट में कई घर और दुकानें बह गईं। घटना सुबह करीब पांच बजे की बताई जा रही है। फिलहाल दो लोग लापता हैं, जिनकी तलाश एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें कर रही हैं।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि सहस्त्रधारा के अलावा मालदेवता और मसूरी से भी नुकसान की खबरें हैं।
उन्होंने बताया कि देहरादून में दो से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि मसूरी में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है, जिसकी पुष्टि की जा रही है। राहत-बचाव कार्य तेज़ी से जारी है और अब तक करीब 300–400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बारिश की वजह से देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर फन वैली के पास पुल का एक हिस्सा बह गया। वहीं, मालदेवता क्षेत्र में सौंग नदी उफान पर है और उसने ब्रिज को भी नुकसान पहुंचाया है। हालात को देखते हुए देहरादून जिले में पहली से 12वीं तक सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी खतरे के निशान पर बह रही है। तेज बहाव में कई गाड़ियां और लोग फंस गए थे, जिनमें से तीन लोगों को एसडीआरएफ ने सुरक्षित बचाया। तपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में मलबा भर जाने से भारी क्षति हुई है। आईटी पार्क इलाके में पानी भर गया और कई वाहन बह गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सहस्त्रधारा में देर रात हुई अतिवृष्टि से हुए नुकसान की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ मौके पर राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
सीएम ने कहा कि वे लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावित परिवारों की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहे हैं।
सदर के एसडीएम हरि गिरि ने बताया कि सौंग नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और बहाव बेहद तेज है। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
देहरादून के आईटी पार्क क्षेत्र में भी हालात बिगड़े हुए हैं। यहां कई दफ्तरों और बेसमेंट में पानी घुस गया है। स्थानीय निवासी ऋतिक शर्मा ने बताया, “मैं सुबह साढ़े पांच बजे से यहां फंसा हूं। कार रात से ही पानी में डूबी हुई है और दफ्तरों में पानी घुस जाने से लोग परेशानी में हैं।”