जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मानसूनी बारिश कहर बनकर टूटी है। लगातार हो रही तेज बारिश से दोनों राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हैं और घरों में पानी घुस गया है। हिमाचल के ऊना, मंडी, कांगड़ा और शिमला जिलों से बादल फटने और बिजली गिरने की कई घटनाएं सामने आई हैं। वहीं उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
हिमाचल में भारी नुकसान, 98 की मौत, 37 लापता
हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 1 अगस्त तक मानसून की वजह से 1,678 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस दौरान विभिन्न हादसों में 98 लोगों की मौत हो चुकी है और 37 लोग अब भी लापता हैं। करीब 1,526 परिवारों के घर उजड़ चुके हैं। राज्य में 47 बड़े बाढ़ हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 28 मामले बादल फटने और बिजली गिरने से जुड़े हैं। वहीं 42 जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
ऊना में घरों में घुसा 10 फीट पानी, स्कूल बंद
हिमाचल के ऊना जिले में शुक्रवार रात से मूसलधार बारिश हुई, जिससे शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। चंडीगढ़-धर्मशाला हाईवे पर कई स्थानों पर जलभराव हुआ और घरों में करीब 10 फीट तक पानी भर गया। लोग अपनी छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। औद्योगिक और आवासीय इलाकों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों को भी नुकसान पहुंचा है।
जिला मजिस्ट्रेट जतिन लाल ने बताया कि कई सड़कों पर आवाजाही बंद कर दी गई है और छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल अगली सूचना तक बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है, साथ ही नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है।