
न्यूज डेस्क
राजधानी लखनऊ में तैनात रेलवे के एक आला अधिकारी के बयान से हड़कंप मच गया। मामला ट्विटर पर आया तो पुलिस प्रशासन में खलबली मच गयी। अधिकारी के बार-बार बयान बदलने से पुलिस भी घनचक्कर बनी रही। फिलहाल परिजनों के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ और पुलिस ने भी राहत की सांस ली।
लखनऊ रेलवे में डीसीएम पद पर तैनात देवानंद यादव ने अपने बयान से ताजनगरी आगरा में खलबली मचा दी। बुधवार देर रात यादव आगरा पहुंचे और सीधे थाना हरीपर्वत पहुंच गए। पुलिस से उन्होंने कहा कि जिस युवती के साथ वे लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं, उससे उन्हें जान का खतरा है। इस साजिश में लखनऊ का एक पत्रकार भी शामिल है। उन्हें तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
रेलवे अधिकारी यादव के इस बयान के बाद हड़कंप मच गया। रेलवे के अधिकारियों को ट्वीट भी कर दिया तो पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। आगरा से लेकर लखनऊ तक दनादन फोन खडख़ड़ाने लगे। इधर रातभर में देवानंद यादव ने कई बार बयान बदला। कभी पत्नी से जान का खतरा बताने लगे तो कभी रेलवे अधिकारियों से। पुलिस भी अधिकारी के बयान को लेकर घनचक्कर बनी रही। डीसीएम देवानंद ने मुंशी को लिखाई शिकायत कई बार बदलवाई।
दूसरे दिन गुरुवार की सुबह एएसपी गोपाल चौधरी और थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार के सामने भी उन्होंने चार बार प्रार्थना पत्र बदला। गुरुवार दोपहर होने तक डीसीएम अपना प्रार्थना पत्र फाइनल ही नहीं कर पाए। फिलहाल दोपहर में जोधपुर से अधिकारी के परिजन आए और बिना शिकायत दर्ज कराए उन्हें अपने साथ ले गए।
मानसिक रूप से बीमार है देवानंद : परिजन
डीसीएम यादव के परिजनों ने बताया कि देवानंद यादव मानसिक रूप से बीमार हैंं। कई वर्ष पहले इलाज भी चला था। पत्नी से उनका विवाद चल रहा है। परिजनों ने कोई भी शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया। दोपहर में परिजन डीसीएम को अपने साथ जोधपुर लिवा ले गए।
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