जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। लगातार पांच महीने से कानपुर से बाराबंकी जाने वाली मेमू ट्रेन (जिसे गरीबों का सहारा बताया जाता है) निरस्त चल रही है। कैसे- तैसे करके लोग सफर के लिए दूसरे विकल्प तलाश रहे है, लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा कौन सा कार्य बताकर मेमू निरस्त की गयी है।
मेमू में डेली यात्रा करने वालो का कहना है की गरीबों के ऊपर रेलवे बहुत सितम कर रहा है। नौकरी पेशा लोग और छात्रों का सहारा भी अब टूट चूका है। राजधानी आने के लिए सबसे बेहतर साधन है, किराया कम होने के चलते लोग आज भी इसकी राह ताकते है, लेकिन लगातार निरस्त रहने की वजह से लोगों की परेशानियां बढ़ी हुई है।
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कानपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली आठ मेमू ट्रेनों के पिछले पांच महीने से निरस्त रहने से इनके बंद होने की आशंका बढ़ गई है। यात्रियों को आशंका है कि लोड कम करने के लिए रेलवे कम भाड़ा वसूलने वाली इन ट्रेनों को बंद कर सकता है। ट्रेनें निरस्त रखने के पीछे रेलवे कोई प्रमुख वजह भी नहीं बता रहा है।
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कानपुर से लखनऊ के बीच जिन आठ मेमू ट्रेनों को निरस्त किया गया है। उसमें एक जोड़ी मेमू लखनऊ के आगे बाराबंकी तक चलती है। इसके अलावा रायबरेली से कानपुर के बीच दो जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों में एक जोड़ी को भी लंबे समय से निरस्त किया गया है। रेलवे इन ट्रेनों का निरस्तीकरण 10- 10 दिन बढ़ा दिया है। इन ट्रेनों के बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी डेली पैसेंजर को हो रही है।

इस रूट की दूसरे मेमू कैसे चल रहीं
दैनिक यात्री लखनऊ- कानपुर रेलयात्री एमएसटी धारक संघ के नेता निखिल शर्मा ने बताया कि इससे रोजाना करीब 10 हजार यात्री परेशान हो रहे हैं। रेलवे सिर्फ इन्हीं ट्रेनों को निरस्त कर रहा है और इसका उचित कारण भी नहीं बता रहा है, जबकि इसी रूट पर 16 अन्य मेमू लगातार चल रही हैं।
ये ट्रेनें 10 अगस्त तक निरस्त
मार्च से निरस्त इन ट्रेनों को अब 10 अगस्त तक निरस्त किया गया है, जिनके फिर से आगे बढ़ने की आशंका है। इसमें लखनऊ- कानपुर मेमू (64207, 64213, 64209), कानपुर- लखनऊ मेमू (64212, 64254, 64208), कानपुर- बाराबंकी मेमू (64235/ 64236) और रायबरेली- कानपुर पैसेंजर (64211/ 64212) शामिल हैं।
कानपुर- लखनऊ मेमू का संचालन उत्तर रेलवे करता है। पहले मरम्मत के काम की वजह से इन ट्रेनों को निरस्त किया गया था। अब इनका निरस्तीकरण क्यों बढ़ाया गया है, यह जानकारी नहीं है।
– अमित मालवीय, पीआरओ, उत्तर मध्य रेलवे
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