जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में चुनावी बिसात पूरी तरह से बिछ चुकी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राज्य में ‘वोट अधिकार यात्रा’ की शुरुआत कर दी है। यात्रा के जरिए वह बीजेपी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोल रहे हैं। उनका जोर वोट चोरी, चुनावी धांधली और संवैधानिक अधिकारों के हनन पर है।
इसी सियासी माहौल में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी एक नया चुनावी नारा और गाना लॉन्च कर चुनावी लड़ाई को और धार दे दी है —“डर को डराने वाले हैं तेजस्वी आने वाले हैं।”
RJD का हमला: “20 साल की सरकार ने सिर्फ डर दिया है”
RJD ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें राज्य सरकार पर तीखा हमला किया गया। गाने में कहा गया:“डर बेरोजगारी का, डर पलायन का, डर बाढ़ का, डर सपनों के टूटने का, डर बच्चों की पढ़ाई छूटने का, डर इलाज न करा पाने का, डर न्याय न मिलने का, डर अफसरशाही और भ्रष्टाचार का…”
RJD का कहना है कि बीते 20 सालों में बिहार को सिर्फ डर और असुरक्षा मिली है, और अब वक्त आ गया है उस डर को हटाने का।
“डर को डराने का चुनाव है”
RJD के अनुसार, आगामी चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं बल्कि “डर को भगाने का चुनाव” है। पार्टी ने तेजस्वी यादव के 17 महीनों के कार्यकाल को ‘उम्मीद और विकास’ की मिसाल बताया, जिसे जनता फिर से देखना चाहती है।
राहुल गांधी की यात्रा और कांग्रेस का तेवर
राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ का मकसद है जनता को लोकतांत्रिक अधिकारों और संविधान की रक्षा के लिए जागरूक करना। उन्होंने बीजेपी और एनडीए सरकार पर संविधान में छेड़छाड़ और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया।
यात्रा के दौरान उन्होंने नीतीश सरकार और केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि बिहार में “जनादेश की चोरी” की परंपरा बना दी गई है।
तेजस्वी यादव का ताजा बयान: “नया कानून ब्लैकमेलिंग का हथियार”
तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार के उस प्रस्तावित संविधान संशोधन पर तीखी टिप्पणी की जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री पर गंभीर आरोपों की स्थिति में उन्हें हटाने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा:“ये कानून खास तौर पर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं को ब्लैकमेल करने के लिए लाया जा रहा है। पहले भी झारखंड के हेमंत सोरेन और दिल्ली के अरविंद केजरीवाल को इसी तरह जेल भेजा गया, लेकिन बाद में वे बरी हो गए।”तेजस्वी ने इस पूरे घटनाक्रम को ईडी, पीएमएलए और सत्ता के दुरुपयोग की राजनीति करार दिया।
ये भी पढ़ें-GST में सबसे बड़ा सुधार — आम आदमी और MSME के लिए राहत पैकेज
बिहार में अब चुनावी मुकाबला महज सीटों का नहीं, संदेश और नैरेटिव की लड़ाई बन गया है। एक तरफ राहुल गांधी लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए यात्रा पर हैं, तो दूसरी तरफ RJD “डर के खिलाफ” चुनावी जंग का बिगुल बजा रही है। इस बार का चुनाव विकास और वादों के साथ-साथ ‘डर बनाम उम्मीद’ की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है।