जुबिली स्पेशल डेस्क
भारतीय चुनाव आयोग और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बीच शुक्रवार को तीखी तकरार देखने को मिली। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह “वोट चोरी” में सीधे तौर पर शामिल है, जबकि आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और अधिकारियों को ऐसे बयानों की अनदेखी करने की सलाह दी है।
राहुल गांधी का सीधा आरोप: वोटिंग सिस्टम में सेंध
संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “हमारे पास ठोस सबूत हैं कि चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध है। हम इसे हल्के में नहीं ले सकते। आयोग में ऊपर से नीचे तक जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने आगे दावा किया कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हमें शक गहराया। जब हमने देखा कि अंतिम मतदाता सूची में अचानक एक करोड़ नए वोटर जुड़ गए, तब हमें यकीन हो गया कि कुछ गड़बड़ है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया: “निष्पक्षता से पीछे नहीं हटेंगे”
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हर दिन लगाए जा रहे निराधार आरोपों को दरकिनार कर हम निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कार्य कर रहे हैं। हमारे अधिकारी बिना किसी दबाव के लोकतंत्र की रक्षा में जुटे हैं।”
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आयोग ने अपने स्टाफ को सलाह दी है कि वे “गैर-जिम्मेदाराना बयानों” पर ध्यान न दें और अपने कर्तव्यों को पूरी निष्पक्षता के साथ निभाएं।
“सबूत परमाणु बम जैसे होंगे” – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच शुरू की है। “हम जो जानकारी लेकर सामने आ रहे हैं, वह किसी परमाणु बम से कम नहीं होगी। एक बार यह फूटा तो चुनाव आयोग के पास कोई जगह नहीं बचेगी।”
विपक्षी गठबंधन INDIA इस मुद्दे को लोकतंत्र पर सीधा हमला बता रहा है और बिहार में लागू एसआईआर को वापस लेने की मांग कर रहा है।