जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को चुनावी प्रक्रियाओं और चुनाव आयोग से जुड़े तीन महत्वपूर्ण सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि
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आखिर सीजेआई को चुनाव आयोग चयन पैनल से क्यों हटाया गया?
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2024 चुनाव से पहले चुनाव आयोग को लगभग पूर्ण कानूनी इम्युनिटी क्यों दी गई?
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सीसीटीवी फुटेज को 45 दिन में नष्ट करने की जल्दबाजी क्यों दिखाई गई?
इन सवालों का जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में दिया। राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिप्पणी करते हुए शाह ने उन पर निशाना साधा, जिसके बाद राहुल गांधी ने डिबेट की चुनौती दे दी। इस पर अमित शाह ने तीखे लहजे में कहा कि सदन में उनके भाषण का क्रम वही तय करेंगे, कोई और नहीं।
अमित शाह के जवाब के बाद राहुल गांधी का पलटवार
गृह मंत्री के संबोधन के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वोट चोरी पर सरकार की प्रतिक्रिया घबराई हुई और रक्षात्मक थी। उन्होंने आरोप लगाया कि—
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डिजिटल, मशीन-रीडेबल और पारदर्शी वोटर लिस्ट पर अमित शाह ने कुछ नहीं कहा।
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ईवीएम आर्किटेक्चर के पारदर्शी ऑडिट से सरकार पीछे हटती दिख रही है।
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कई राज्यों में बीजेपी नेताओं द्वारा कथित तौर पर मतदान प्रक्रिया पर प्रभाव डालने के आरोपों पर भी कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने सीजेआई को चयन समिति से हटाने और चुनाव आयोग को इम्युनिटी देने पर दिए गए तर्कों को “अपर्याप्त” बताया।
राहुल गांधी ने सीसीटीवी फुटेज 45 दिन में डिलीट करने के फैसले को “बहाना और हास्यास्पद” करार दिया और दावा दोहराया कि “वोट चोरी सबसे बड़ा देशद्रोह है।”
संसद में गृह मंत्री का वोट चोरी पर जवाब घबराया हुआ, defensive जवाब है।
– डिजिटल, मशीन रीडेबल, पारदर्शी वोटर रोल देने पर एक शब्द नहीं
– EVM के Architecture की अब transparent audit पर घबराहट
– BJP नेताओं और कार्यकर्ताओं के कई राज्यों में वोट रखने और करने पर कोई जवाब नहीं
– CJI को… pic.twitter.com/ye0lesxlSB— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 10, 2025
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