जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यूपी की सियासत में अखिलेश यादव बड़ा नाम है। इस वजह से कांग्रेस भी अखिलेश यादव को लेकर काफ गम्भीर नजर आई। पिछले काफी दिनों से चल आ रहे कयासों के बीच आखिरकार कांग्रेस और सपा के बीच तालमेल हो गया है। इतना ही नहीं दोनों पार्टी मिलकर लोकसभा चुनाव लडऩे को तैयार हो गई।
कल तक लग रहा था कि दोनों के बीच पूरी तरह से दरार आ गई और दोनों के रास्ते भी अलग हो गए है लेकिन आज प्रियंका गांधी के एक फोन से पूरा समीकरण फिर से बदल गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी ने अखिलेश यादव से बात की और गठबंधन करने में जो भी रूकावट आ रही थी, उसे दोनों ने बातचीत से सुलक्षा भी लिया है। अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी के बीच हुई बातचीत से बीच का रास्ता भी निकल गया है।सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं।
इसमे रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया हैं।
बुलंदशहर या मथुरा में से एक सीट कांग्रेस लौटा देगी और उसके बदले में श्रावस्ती लेगी। अखिलेश यादव ने इस पर लगभग सहमति दे दी है।
दरअसल गठबंधन के लिए सपा शर्त रख रही थी, लेकिन कांग्रेस की पूरी कोशिश थी कि यूपी में दोनों पार्टियां साथ लड़ें। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि सामने बड़ी लड़ाई है इसलिए साथ जरूरी है। कांग्रेस सीटों की संख्या ज्यादा नहीं चाहती थी। वो जीत सकने वाली सीटें चाहती थी।
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