जुबिली न्यूज डेस्क
वॉशिंगटन/कनाडा। कनाडा में चल रही G7 शिखर बैठक को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक बीच में ही छोड़ दिया है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ट्रंप मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और ईरान-इजरायल विवाद को लेकर अमेरिका लौटे हैं। राष्ट्रपति के इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
ईरान को चेतावनी के बाद बढ़ा सस्पेंस
G7 समिट से पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया पर तेहरान के नागरिकों को शहर खाली करने की चेतावनी दी थी, जिससे अमेरिका की रणनीतिक गंभीरता का साफ संकेत मिला। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम इस ओर इशारा कर सकता है कि अमेरिका ईरान-इजरायल टकराव में कोई निर्णायक भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है।
अमेरिका युद्ध में शामिल होगा? बड़ा सवाल बरकरार
हालांकि, अमेरिका ने अब तक किसी भी प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई की पुष्टि नहीं की है। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप का सम्मेलन बीच में छोड़ना और बयानबाज़ी से साफ है कि वॉशिंगटन इस संकट को लेकर हाई अलर्ट पर है।
इजरायल को मिल रहा अमेरिका का खुला समर्थन
डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कई बार सार्वजनिक रूप से इजरायल का समर्थन कर चुके हैं। उनके हालिया बयानों से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका इस संघर्ष में अपने पुराने सहयोगी के साथ मजबूती से खड़ा है।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने क्या कहा?
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि ईरान के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाइयों में अमेरिका की कोई सीधी भागीदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि “हमारी पहली प्राथमिकता मिडिल ईस्ट में तैनात अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा है।”
सुरक्षा विशेषज्ञों की चेतावनी
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हालात ऐसे ही बिगड़ते रहे, तो अमेरिका को मजबूरन इस संघर्ष में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। ट्रंप की अचानक वापसी को विशेषज्ञ कूटनीतिक सक्रियता के तौर पर देख रहे हैं।