
न्यूज़ डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग प्रस्ताव संसद के निचले सदन में पास हो गया। यह प्रस्ताव अमेरिका की निचले सदन यानी हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव में पास हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए शक्तियों का दुरूपयोग किया है। निचले सदन में उनके खिलाफ 230 में से 197 मत पड़े। अब इस मामले में वाइट हाउस का बयान आया है।
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है, ‘डोनाल्ड ट्रंप को उम्मीद है कि सीनेट सही तरीके से इस प्रक्रिया को पूरा करेगी। निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पूरा नहीं किया गया। आगे की जो भी प्रक्रिया होगी, उसके लिए डोनाल्ड ट्रंप तैयार हैं।’
व्हाइट हाउस ने कहा कि जब से डोनाल्ड ट्रंप ने ऑफिस संभाला है, तभी से वह बिना थके अमेरिकी जनता के लिए काम कर रहे हैं, जो वह ऑफिस में रहने के आखिरी दिन तक करते रहेंगे।
ट्रंप पर लगे ये आरोप
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में घंटों बहस के बाद पिछले सप्ताह ट्रंप के खिलाफ दो आरोपों को मंजूरी मिली थी। पहला सत्ता का दुरुपयोग का है। इसमें यूक्रेन में 2020 के आम चुनावों में उनके संभावित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन को बदनाम करने के लिए दबाव बनाने का आरोप ट्रम्प पर लगा। दूसरा आरोप महाभियोग मामले में सदन की जांच में सहयोग नहीं करने का है।
राष्ट्रपति ने किया ट्वीट
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘वे केवल राष्ट्रपति पर प्रभुत्व दिखाना चाहते हैं। उनका उचित जांच का कोई इरादा नहीं है। वे कोई अपराध नहीं खोज सके, इसलिए सत्ता और संसद के दुरुपयोग का अस्पष्ट सा आरोप लगा दिया।’ उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और चरमपंथी वाम पक्ष उन पर महाभियोग चलाना चाहता है।
उन्होंने कहा कि, ‘किसी और राष्ट्रपति के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। दुआ कीजिए। मुझे उम्मीद है कि महाभियोग को फिर कभी इतने हल्के में नहीं लिया जाएगा’।
डोनाल्ड ट्रंप तीसरे राष्ट्रपति
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हैं जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया लगा है। इससे पहले भी दो राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पास हुआ है। इससे पहले एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग आ चुका है। लेकिन दोनों के खिलाफ प्रस्ताव सीनेट से पास नहीं हो पाया था।
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