जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं। कथित ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर शुरू हुई इस यात्रा को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है। महागठबंधन के सभी दल इस अभियान में खुलकर हिस्सा ले रहे हैं।
कांग्रेस चाहती है कि इस यात्रा के जरिए बने माहौल को लगातार बनाए रखा जाए। रणनीति के तहत अब इसमें ‘वोट चोरी’ और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के अलावा बिहार से जुड़े अन्य अहम मुद्दों को भी जोड़ा जाएगा।
भागलपुर में उमड़ा जनसैलाब
यात्रा के छठे दिन भागलपुर में राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला। राहुल ने कहा “वोट चोर सरकार देख लो… यह गुस्सा है बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ। यह आक्रोश है गरीबी और पलायन के खिलाफ। यह क्रांति है मताधिकार चोरी के खिलाफ।”
बड़े नेताओं की एंट्री की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, 28 अगस्त को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सीतामढ़ी में राहुल की यात्रा से जुड़ सकते हैं। इसके अलावा, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को भी आमंत्रण भेजा गया है। इनके आने से ‘इंडिया गठबंधन’ की ताकत और धार बिहार में और मजबूत होगी।
मोदी सरकार और आयोग पर निशाना
राहुल गांधी ने मुंगेर की रैली में भी केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को घेरा। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव आयोग के साथ मिलकर बिहार के लोगों का मताधिकार छीनना चाहती है, लेकिन इंडिया गठबंधन ऐसा होने नहीं देगा। उन्होंने इसे “संविधान पर हमला” बताया।
विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गरमी
कुछ महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राहुल गांधी की यह यात्रा विपक्षी महागठबंधन के लिए सियासी ऊर्जा का काम कर रही है। आरजेडी और कांग्रेस अब अपने कुनबे को और बड़ा बनाने में जुटी हैं, ताकि एनडीए के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश की जा सके।