न्यूज़ डेस्क
राजधानी लखनऊ में पोस्टर वार को लेकर सियासत बढती जा रही है। सपाइयों के बाद अब कांग्रेस ने भी इस पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सपा से एक कदम आगे बढ़ते हुए कांग्रेस ने सीधे सूबे के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को दंगाई कह दिया। बीते दिन योगी सरकार द्वारा लाये गये अध्यादेश पर कांग्रेस ने पूरे शहर में पोस्टर लगाकर इनसे भी वसूली की माँग की है।
कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए ही भाजपा दफ्तर पर पोस्टर लगाते हुए सरकार को चैलेंज किया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भी अंबेडकर प्रतिमा, नगर निगम, दारूलशफा, लखनऊ विश्वविद्यालय सहित दर्जनभर जगहों पर योगी सरकार द्वारा लगाये गये पोस्टर्स के समांतर पोस्टर्स लगाये। यह पोस्टर्स कांग्रेस के युवा नेता सुधांशु बाजपेयी द्वारा जारी किये गये हैं।
सरकार द्वारा लाया गया अध्यादेश संविधान प्रदत्त निजता के अधिकार को चुनौती है। इसके लिए पुनः सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ में याचिका डाली जानी चाहिए।
कांग्रेसियों को कहना है कि सीएम कैबिनेट में जो अध्यादेश लेकर आये हैं, वह सीधे जनादेश का दुर्पयोग है। संविधान में विधायिका को जो विशेषाधिकार दुर्लभतम परिस्थितियों के लिए दिया गया है, योगी सरकार उसका उपयोग अपने निजी अहंकार को तुष्ट करने के लिए कर रही हैं,जो लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए खतरा है।
जो संविधान मुख्यमंत्री को अध्यादेश लाने का अधिकार देता है, उसी के आर्टिकल 14 के तहत मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित भाजपा के कई नेताओं पर भी विभिन्न मामलों में दंगों के मुकदमें दर्ज हैं। तब स्वाभाविक ही इनसे भी इसी अध्यादेश के तहत वसूली होनी चाहिए।
ये भी पढ़े : सिंधिया पर जानलेवा हमले की प्रदेश सरकार कराए जांच
मुख्यमंत्री समेत पूरी भाजपा को संविधान और न्यायपालिका में भरोसा नहीं हैं, इसीलिए वह बार-बार न्यायपालिका का अपमान के साथ ही संविधान का मखौल उड़ा रही हैं।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal

