जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की ‘पीडीए पाठशाला’ को लेकर अब सियासी घमासान तेज हो गया है। राज्य के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अखिलेश यादव के ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) के नारे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि सपा का असली मतलब है — “परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी”।

राजभर ने बताया PDA का मतलब
ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा,“अखिलेश यादव किस पीडीए की बात करते हैं? उनके लिए तो पीडीए का मतलब होता है ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’। सपा की पाठशाला में अ से अखिलेश, डी से डिंपल और पी से परिवार पढ़ाया जा रहा है।”
राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा पिछड़ों के नाम पर राजनीति की, लेकिन उन्हें हक और सम्मान नहीं दिया।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा,“खाली लेकर नाम नसीबों का, चूसा खून अति पिछड़ों का… अब ये नहीं चलेगा।”
पिछड़ों के शोषण का आरोप
कैबिनेट मंत्री ने सपा पर आरोप लगाया कि पार्टी ने हमेशा पिछड़ी जातियों का इस्तेमाल वोट बैंक के तौर पर किया, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें हाशिए पर रख दिया।राजभर ने सवाल उठाया कि अगर सपा सच में पिछड़ों की बात करती है तो फिर “राजभर, प्रजापति, पाल या चौहान जैसी जातियां कहां जाएंगी?”
सपा की ‘पीडीए पाठशाला’ क्या है?
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार के स्कूलों के मर्जर (विलय) के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी ने कई जगहों पर ‘पीडीए पाठशाला’ शुरू की है।इन पाठशालाओं में सपा कार्यकर्ता बच्चों को पढ़ा रहे हैं और यह संदेश दे रहे हैं कि जब सरकार शिक्षा की जिम्मेदारी नहीं निभाएगी, तब समाजवादी आगे आएंगे।5 अगस्त को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था,“जब सरकार अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ लेती है, तब समाजवादी कार्यकर्ता खड़े होते हैं। हमारी पीडीए पाठशाला तब तक चलेगी जब तक सरकार योग्य शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करती।”
अखिलेश यादव का पलटवार
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री को खुद उन स्कूलों का दौरा करना चाहिए,“जहां छतें गिर रही हैं और बच्चे घायल हो रहे हैं। इससे साबित होता है कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है।”उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद माना है कि कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कई का विलय किया जा चुका है।
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राजनीति से शिक्षा तक पहुंचा विवाद
अब ‘पीडीए पाठशाला’ को लेकर शुरू हुआ यह विवाद सियासी रंग ले चुका है।जहां अखिलेश यादव इसे शिक्षा सुधार की पहल बता रहे हैं, वहीं ओम प्रकाश राजभर और बीजेपी इसे सिर्फ “परिवारवाद की राजनीति” करार दे रहे हैं।स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा यूपी की राजनीति में सत्ता बनाम समाजवाद की नई बहस छेड़ सकता है।
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