
न्यूज़ डेस्क।
नई दिल्ली और माले के बीच संबंधों को मजबूती देने के लिए मालदीव पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माले के रिपब्लिक स्क्वायर में राजकीय सम्मान और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर उनके साथ मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति को टीम इंडिया के प्लेयर के दस्तखत किए गए बल्ला उन्हें भेट किया। इसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह ने माले में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी को विदेश मेहमानों को दिए जानेवाले सर्वोच्च सम्मान ‘निशान इज्जुद्दीन’ से नवाजा गया।
मालदीव की संसद में उठाया आतंकवाद का मुद्दा
मोदी ने मालदीव की संसद मजलिस को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपके बीच मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि मालदीव में लोकतंत्र की मजबूती के लिए भारत और हर भारतीय आपके साथ था और साथ रहेगा।
भारत में भी हाल ही में मानव इतिहास की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी की। मेरी सरकार का मूलमंत्र सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास है। यह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व में मेरी सरकार की विदेश नीति का यही आधार है। पड़ोसी हमारी प्राथमिकता हैं और इसमें मालदीव की प्राथमिकता स्वाभाविक है।
इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सबको एकजुट होने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद की स्टेट स्पॉन्सरशिप सबसे बड़ा खतरा है। लोग अभी भी गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म का भेद करने की गलती कर रहे हैं। पानी अब सर से ऊपर निकल रहा है। आतंकवाद की चुनौती से भली प्रकार से निपटने के लिए सभी मानवतावादी शक्तियों का एकजुट होना जरूरी है। इससे निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे बड़ी चुनौती है जिस तरह विश्व समुदाय ने पर्यावरण के खतरे पर विश्वव्यापी सम्मेलन किए, वैसे आतंकवाद के विषय में क्यों नहीं हो सकते।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मालदीव रवाना हुए हैं। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है।
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