जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूनेस्को द्वारा लखनऊ को पाक-कला (Gastronomy) के क्षेत्र में “क्रिएटिव सिटी” घोषित किए जाने पर खुशी और गर्व व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लखनऊ एक जीवंत संस्कृति और नवाबी परंपरा का प्रतीक है, जिसके केंद्र में पाक-कला की समृद्ध विरासत है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को की यह मान्यता लखनऊ की खास पहचान और स्वाद की विविधता को विश्व स्तर पर उजागर करती है।
लखनऊ की पाक-कला को मिली वैश्विक पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा —“लखनऊ शहर एक जीवंत संस्कृति का पर्याय है, जिसके केंद्र में पाक-कला की समृद्ध परंपरा है। यूनेस्को से मान्यता प्राप्त होना इस शहर के इस विशिष्ट पहलू को विश्व पटल पर सामने लाता है।”
उन्होंने दुनिया भर के लोगों से लखनऊ आने और इसकी अद्वितीय पाक-कला और तहज़ीब का अनुभव करने का आह्वान किया।
‘तहज़ीब और तंदूरी’ की राजधानी बना लखनऊ
लखनऊ लंबे समय से अपने कबाब, बिरयानी, टुंडे कबाबी, गलावटी और निहारी जैसे व्यंजनों के लिए मशहूर है। अब यूनेस्को से मिली यह मान्यता शहर को वैश्विक गैस्ट्रोनॉमी मानचित्र पर स्थापित कर रही है। यह घोषणा लखनऊ के पाक शिल्पकारों, शेफ्स और खानपान से जुड़े उद्योगों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
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भारत के अन्य शहर भी शामिल
लखनऊ से पहले भारत के कुछ और शहर भी यूनेस्को की “क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क” सूची में शामिल हैं, जिनमें जयपुर (हस्तशिल्प), वाराणसी (संगीत), मुंबई (फिल्म), चेन्नई (संगीत) और हैदराबाद (गैस्ट्रोनॉमी) जैसे नाम प्रमुख हैं।अब लखनऊ इस सूची में शामिल होकर भारत की सांस्कृतिक शक्ति और विविधता को और मजबूत करता है।
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