स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में क्रिकेट को दोबारा पटरी पर लाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे आदित्य वर्मा ने मोइनुल हक स्टेडियम को लेकर बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने इसके लिए अब खेल मंत्री को पत्र लिखकर विवाद हल कराने के लिए कहा है।
दरअसल आदित्य वर्मा ने खेल मंत्री से पूछा है कि आखिकर किसके दबाव में बिहार सरकार के खेल मंत्रालय के द्वारा पटना के मोइनुल हक स्टेडियम प्रबंधन ने कदमकुआं थाना परिसर के सामने वाली मैदान को एक ऐसे आदमी के नाम पर लीज कर दिया गया था जो लीज रद्द होने के बाद भी जबरदस्ती मैदान पर कब्जा किया हुआ है।
इतना ही नहीं मैदान खाली करने के बजाये उसने वहां पर क्रिकेट अकादमी स्थापित कर करोड़ों रुपये कमा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सबसे आश्चर्यजनक यह है कि बिहार सरकार के खेल मंत्रालय तथा स्टेडियम प्रबंधन से जुड़े हुए लोग भी इस मामले पर मुंह नहीं खोलते हैं और कान मे तेल डाल कर बैठे हुए है।

उन्होंने पत्र के माध्यम से दावा किया है जरूर दाल में कुछ काला है। आगे उन्होंने कहा कि मैं बिहार सरकार से मांग करता हूं कि एक बड़ी कमेटी बने और फौरन इस मामले की जांच करे।
उन्होंने कहा कि बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त संस्था को बिहार मे क्रिकेट खिलाडिय़ों को बेहतर तरीके से कोचिंग कैंप लगा के उनके प्रतिभा को निखारने के लिए अपना कोई मैदान नही है। मै बिहार सरकार के खेल मंत्रालय से मॉग कर रहा हूँ कि बीसीसीआई के सहयोग से बीसीए अपना ऐकेडमी बना सकता है इसलिए बीसीए को लीज के अधार पर उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है।
प्रथम श्रेणी मैच खेलने के लिए उपलब्ध पटना के मोइनुल हक स्टेडियम पुन विरान तथा पैसे के अभाव मे बुरे हालात मे आ गया है क्योकि आपसी विवाद सचिव एवं अध्यक्ष के कारण बिहार क्रिकेट खतरे मे आ गया है।
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