जुबिली न्यूज डेस्क
भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में शनिवार, 1 नवंबर को देवठान एकादशी के पावन अवसर पर पंचकोसी परिक्रमा का शुभारंभ सुबह 4 बजकर 2 मिनट पर हुआ। यह परिक्रमा 2 नवंबर रात 2 बजकर 57 मिनट तक चलेगी। 15 किलोमीटर लंबी इस पवित्र यात्रा में देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। पूरी अयोध्या “जय श्री राम” के जयघोष से गूंज रही है और वातावरण भक्तिमय हो गया है।

पंचकोसी परिक्रमा का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है। इसी दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और धार्मिक क्रियाओं की पुनः शुरुआत होती है। अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा का आयोजन इसी अवसर पर किया जाता है।
इस परिक्रमा मार्ग में भक्त कनक भवन, हनुमान गढ़ी, राम जन्मभूमि मंदिर जैसे प्रमुख मंदिरों के दर्शन करते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पंचकोसी परिक्रमा को मोक्षदायिनी यात्रा माना गया है। कहा जाता है कि इस यात्रा में उठाया गया हर कदम पापों का नाश करता है और व्यक्ति को भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण से गूंजती अयोध्या
देश के विभिन्न राज्यों—मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड समेत 10 राज्यों से लाखों रामभक्त इस यात्रा में शामिल होने पहुंचे हैं। परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह भजन-कीर्तन, राम नाम संकीर्तन और प्रसाद वितरण के आयोजन हो रहे हैं।
भक्तों का उत्साह देखने लायक है और पूरी नगरी एक आध्यात्मिक उत्सव का रूप ले चुकी है। इस बार यात्रा में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से निगरानी
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। पूरे मार्ग पर ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा एटीएस कमांडो, स्वास्थ्य शिविर, पेयजल, शौचालय और रोशनी की समुचित व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा और सुविधा दोनों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
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अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और भक्ति का संगम है। हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीराम की नगरी में मोक्ष और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए एकत्र हुए हैं। जय श्री राम के नारों से गूंजती अयोध्या एक बार फिर सनातन संस्कृति और भक्ति की जीवंत मिसाल बन गई है।
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