स्पेशल डेस्क
लाहौर उच्च न्यायाल ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर कहा है कि विशेष अदालत का फैसला असंवैधानिक है।
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इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कानून के मुताबिक नहीं चलाया गया। गौरतलब हो कि 17 दिसम्बर को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक परवेज मुसर्रफ को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने उनकी फांसी की सजा रद्द कर दी है।

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पेशावर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने 17 दिसम्बर को ये सजा सुनाई थी।
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गौरतलब है कि 3 नवंबर, 2007 को पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था।
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इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) में एक याचिका दायर कर इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत के समक्ष मुकदमे की लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया था। उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला है।
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