Sunday - 7 January 2024 - 12:56 PM

नहीं रहे पद्मविभूषण टी.एन. कृष्णन : टूट गया वायलिन का तार

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली. सुप्रसिद्ध वायलिन वादक पद्मविभूषण टी.एन. कृष्णन का 92 साल की उम्र में चेन्नई में निधन हो गया. अपनी आख़री सांस तक वह संगीत के प्रति समर्पित रहे. वह बीमार नहीं थे. अचानक हुई बेचैनी के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. पिछले महीने ही टी.एन. कृष्णन ने पिछले महीने ही अपना 92 वां जन्मदिन मनाया था. वो छह अक्टूबर 1928 को केरल में पैदा हुए थे.

टी.एन.कृष्णन ने बचपन से ही संगीत को ही अपना साथी बनाया था. वायलिन की तालीम उन्होंने अपने पिता ए. नारायण अय्यर से ली थी. प्राचीन रागों को वह जिस शानदार तरीके से पेश करते थे वो अब सिर्फ यादों में ही बाकी रह गया है. उनका वायलिन अब शांत हो गया है लेकिन उनकी रिकार्डिंग उन्हें रहती दुनिया तक संगीत में ज़िंदा रखेंगी.

टी.एन. कृष्णन ने कमला कृष्णन से शादी की थी. उनके दोनों बच्चे विजी कृष्णन और श्रीराम कृष्णन दोनों ही पिता की राह पर चलकर शानदार वायलिन वादक बने हैं. दोनों का ही संगीत के क्षेत्र में अच्छा मुकाम है. टी.एन. कृष्णन की बहन एन.राजम भी वायलिन की दुनिया का सुपरिचित नाम है.

टी.एन.कृष्णन के निधन की खबर मिलने के बाद उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत विभिन्न लोगों ने उनके योगदान को याद करते हुए गहरा दुःख व्यक्त किया है.

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टी.एन.कृष्णन दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ म्युज़िक एंड फाइन आर्ट में वायलिन के शिक्षक के रूप में काम किया. प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर कहा कि उनके निधन से संगीत की दुनिया में एक बड़ा शून्य आ गया है. उन्होंने अपने काम के ज़रिये हमारी संस्कृति की भावनाओं को बहुत ख़ूबसूरती से समझाया. युवा संगीतकारों के वो शानदार मार्गदर्शक थे.

उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि उनके निधन से व्यथित हूँ. उनका निधन संगीत की दुनिया खासकर कर्नाटक संगीत का बहुत बड़ा नुक्सान है. वह रागों का सार पकड़ने के लिए जाने जाते थे. दर्शकों को अपने संगीत से वो रोमांचित कर देते थे.

सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान ने टी.एन. कृष्णन को संगीत की दुनिया का असाधारण रत्न बताया. उनके लिए संगीत ज़िन्दगी का एक तरीका था. तमिलनाडू के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि कर्नाटक संगीत में कृष्णन के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. उनका निधन संगीत की दुनिया की अपूर्णनीय क्षति है.

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