जुबिली न्यूज डेस्क
यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सपा और कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। दरअसल, जब स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोल रहे थे, विपक्षी विधायकों ने असंसदीय शब्दों का प्रयोग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पीकर सतीश महाना से इसकी शिकायत की। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों से नारेबाजी तत्काल रोकने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। इस पर स्पीकर ने हंगामा कर रहे सपा विधायक अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए सदन से निष्कासित कर दिया।
सतीश महाना काफी गुस्से में नजर आए और अपने आसन से खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि वह अतुल प्रधान की सदस्यता भी खत्म कर सकते हैं। बार-बार कहने के बावजूद जब अतुल प्रधान हंगामा करने से बाज नहीं आए तो सतीश महाना ने कहा कि इनको उठाकर सदन से बाहर निकाल दीजिए। सतीश महाना ने अतुल प्रधान से कहा कि आप सदन में ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। आप इस प्रकार की भाषा का एकदम प्रयोग नहीं कर सकते।

‘तो छोड़ दूंगा अध्यक्ष की कुर्सी’
इस दौरान सदन में विपक्षी विधायक तानाशाही नहीं चलेगी का नारा लगाते रहे। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आजादी का मतलब ये नहीं है कि सदन में कोई कुछ भी बोलकर निकल जाए। स्पीकर सतीश महाना ने कहा कि अगर विपक्ष के लोग इस तरह की भाषा बोलेंगे तो सत्ता पक्ष की तरफ से बोली जाने वाली भाषा भी उनको स्वीकार करनी होगी। फिर आप उस पर आपत्ति नहीं करेंगे। अतुल प्रधान से गुस्से में महाना ने कहा कि आप मुझसे बहस करोगे। मैं आपको सदन से बाहर निकालने का आदेश देता हूं। महाना ने कहा जिस दिन मेरे ऊपर सवाल उठेगा मैं अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ दूंगा।
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