जुबिली न्यूज डेस्क
ओडिशा के बालासोर जिले में एक बीएड की छात्रा द्वारा आत्मदाह किए जाने का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। 12 जुलाई को कॉलेज कैंपस में खुद को आग लगाने वाली छात्रा की मौत सोमवार देर रात एम्स भुवनेश्वर में इलाज के दौरान हो गई। 20 वर्षीय छात्रा ने यह कदम शिक्षा विभाग की प्रमुख पर यौन उत्पीड़न के आरोपों और प्रशासनिक लापरवाही से तंग आकर उठाया था।
उत्पीड़न के खिलाफ उठाई थी आवाज
छात्रा ने एफएम स्वायत्त कॉलेज के एजुकेशन डिपार्टमेंट की प्रमुख समीरा कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसने कॉलेज प्रशासन को कई बार लिखित शिकायतें दीं, लेकिन आरोप है कि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। छात्रा का कहना था कि आरोपी शिक्षक ने उसे धमकी दी थी कि उसकी बात नहीं मानी तो परीक्षा में फेल कर देगा।
छात्रों का प्रदर्शन, लेकिन नहीं हुआ एक्शन
1 जुलाई से कॉलेज परिसर में छात्र और छात्राएं शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। वे आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। लेकिन प्रशासन की चुप्पी और निष्क्रियता ने छात्रा को मानसिक रूप से तोड़ दिया।
12 जुलाई को किया आत्मदाह
घटना वाले दिन छात्रा कॉलेज में प्रिंसिपल से मिलने गई थी। पिता का आरोप है कि प्रिंसिपल ने उसे बताया कि आंतरिक जांच समिति (ICC) को आरोपी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। इसके कुछ ही देर बाद छात्रा ने कॉलेज कैंपस में खुद को आग लगा ली। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हुई है। उसे बचाने के लिए एक अन्य छात्र भी आग में कूद पड़ा, जो गंभीर रूप से घायल है।
मौत के बाद मचा हड़कंप, अब तक हुई कार्रवाई
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आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर समीरा कुमार साहू को उसी दिन गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया।
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कॉलेज के प्रिंसिपल को लापरवाही के आरोप में पहले निलंबित किया गया और फिर गिरफ्तार किया गया।
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आरोपी शिक्षक पर बीएनएस की धाराओं 75(1)(ii), 79, 108, 351(2) और 3(5) के तहत केस दर्ज हुआ है।
SIT गठित, जांच जारी
डीआईजी सत्यजीत नायक के नेतृत्व में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की गई है। टीम में फोरेंसिक एक्सपर्ट, जांच अधिकारी और कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं, जो डिजिटल और मेडिकल सबूत जुटा रही है।
परिवार का आरोप
छात्रा के पिता ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने उनकी बेटी पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला था। उन्होंने बताया कि आत्मदाह से पहले उनकी बेटी प्रिंसिपल से मिली थी और उसी के बाद उसने यह भयावह कदम उठाया।“मेरी बेटी न्याय के लिए लड़ी, लेकिन सिस्टम ने उसे मरने के लिए मजबूर कर दिया।” — छात्रा के पिता
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सियासत भी गर्म
इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम द्वारा की गई संगठित हत्या है। राहुल ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए और बेटियों की सुरक्षा को लेकर जवाब मांगा।