Friday - 5 January 2024 - 5:29 PM

अब ऑनलाइन क्लास लेने वाले विदेशी छात्रों को छोड़ना होगा अमेरिका

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना वायरस संक्रमण से अमेरिका कराह रहा है। लोगों की नौकरियां जाने की वजह से अमेरिका लगातार अपने यहां से बाहर के लोगों को भगा रहा है। पहले एच-1 बी वीजा रद्द किया और अब उन विदेशी छात्रों को अमेरिका छोडऩा का फरमान जारी कर दिया है जिनकी ऑनलाइन क्लास चल रही है।

अमरीका ने कहा है कि विदेशी छात्रों को यहां से अपना बोरिया बिस्तर समेटना होगा, अगर उनकी यूनिवर्सिटी में क्लास पूरी तरह ऑनलाइन हो गए हैं। अगर ऐेसे छात्र किसी ऐसे कोर्स में दाखिला लेते हैं, जिनमें उन्हें व्यक्तिगत रूप से ट्यूशन लेने जाना पड़े, तो इस स्थिति में वे अमरीका में रह सकते हैं।

इतना ही नहीं अमरीका की इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट (आईसीई) एजेंसी ने कहा है कि अगर छात्रों ने इस नियम का उल्लंघन किया, तो उन्हें देश से निकाला जा सकता है।

दरअसल अमेरिका में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के चलते कई यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन क्लासेज हो रहे हैं। अभी ये पता नहीं चल पाया है कि अमरीका के इस फैसले से कितने छात्र प्रभावित होंगे। अमेरिका में हर साल बड़ी संख्या में विदेशी छात्र पढऩे के लिए आते हैं।

अमेरिका की कई विश्वविद्यालयों के लिए ये कमाई का बड़ा जरिया है। हार्वर्ड ने भी कहा है कि नए शैक्षणिक सत्र के लिए कोर्स के निर्देश छात्रों को ऑनलाइन भेजे जाएंगे। इनमें वो भी छात्र शामिल हैं, जो फिलहाल यूनिवर्सिटी में रह रहे हैं। आईसीई ही द स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम चलता है।

ये भी पढ़े: कोविड-19 राहत पैकेज : सभी महिलाओं के जनधन खातों में नहीं पहुंचा पैसा

ये भी पढ़े:  वैज्ञानिकों का दावा-हवा से भी फैल रहा है कोरोना वायरस 

इससे पहले छात्रों को ये अनुमति थी कि वे अमरीका में रहते हुए ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं, लेकिन अब नए फरमान के मुताबिक ऐसे छात्र अमरीका में नहीं रह सकते हैं। हालांकि उनके पास ऐसे कोर्स करने का विकल्प रहेगा, जिसमें व्यक्तिगत रूप से ट्यूशन की आवश्यकता है।

नया नियम एफ-1 और एम-1 वीजाधारकों के लिए होगा। ये वीजा एकेडेमिक और वोकेशनल स्टूडेंट्स के लिए होता है। एजेंसी के डेटा के अनुसार अमरीकी विदेश मंत्रालय ने 2019 के वित्त वर्ष में 388,839 एफ वीजा और 9.518 एम वीजा जारी किए हैं। अमरीकी वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार विदेशी छात्रों ने 2018 में देश की अर्थव्यवस्था में 45 अरब डॉलर का योगदान दिया था।

ये भी पढ़े:  चंबल या नेपाल, आखिर कहां गया विकास दुबे?

ये भी पढ़े:   तो आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं का जिम्मेदार जलवायु परिवर्तन है?

ये भी पढ़े:  कुवैत की इस कदम से आठ लाख भारतीयों पर पड़ेगा असर 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com