AQI का यह खतरनाक स्तर दर्शाता है कि हवा की गुणवत्ता अत्यंत खराब हो चुकी है। ऐसी प्रदूषित हवा में सांस लेना लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक इस तरह की हवा में रहने से श्वसन रोग और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है।
जुबिली स्पेशल डेस्क
नोएडा में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुँच गया है। हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने नोएडा में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण (Stage-III) तुरंत लागू कर दिया है। नोएडा प्राधिकरण ने इस संबंध में सभी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
AQI का हाल
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। 12 नवंबर 2025 की सुबह 06:05 बजे तक ग्रेटर नोएडा का औसत AQI 389 दर्ज किया गया, जबकि नोएडा के विभिन्न इलाकों में AQI 400 के पार पहुँच गया।

- नोएडा
- सेक्टर-125: 415
- सेक्टर-1: 404
- सेक्टर-116: 414
- ग्रेटर नोएडा:
- नॉलेज पार्क-III: 394
- नॉलेज पार्क-V: 384
विशेषज्ञों के अनुसार, इतने उच्च स्तर का AQI स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। लंबी अवधि तक इस प्रदूषित हवा में रहने से श्वसन संबंधी बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
GRAP-III में लागू पाबंदियां
- निर्माण कार्य: मेट्रो, अस्पताल, फ्लाईओवर जैसी आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर अन्य सभी गैर-जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ पर प्रतिबंध।
- वाहन: BS-III पेट्रोल और BS-IV डीज़ल वाहन सड़क पर नहीं चल सकते।
- औद्योगिक गतिविधियां: रेडी-मिक्स कंक्रीट (RMC) प्लांट और स्टोन क्रशर का संचालन तत्काल बंद।
- अन्य: गैर-स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल करने वाले औद्योगिक और खनन कार्यों पर रोक।
नोएडा प्राधिकरण ने सभी संस्थानों और एजेंसियों को इन नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा।
प्रशासन ने नागरिकों को सलाह दी है कि घर के अंदर रहें, बाहर निकलते समय मास्क पहनें और सांस लेने में कठिनाई या आंखों में जलन होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
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