जुबिली न्यूज डेस्क
प्रयागराज महाकुंभ में खुले में शौच की समस्या को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में सुनवाई हुई। एनजीटी ने यूपी सरकार को कड़ी चेतावनी दी, यह कहते हुए कि यह उनकी जिम्मेदारी है और इसे तुरंत हल किया जाना चाहिए। इस मामले में यूपी सरकार ने अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है। एनजीटी ने फिलहाल इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि विस्तृत आदेश बाद में पारित किया जाएगा।

इस मामले में यूपी सरकार ने NGT को बताया कि वे पहले से इस पर तैयार हैं और जल्द ही अपना जवाब दाखिल करेंगे। यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) ने भी कहा कि वे आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
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यूपी सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि महाकुंभ में अधिकारियों ने जो बायो-टॉयलेट्स लगाए थे, उनकी संख्या और सफाई में कमी के कारण लोग गंगा नदी के किनारे खुले में शौच करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए न सिर्फ बायो-टॉयलेट्स की संख्या बढ़ाने की जरूरत है, बल्कि उनकी उचित सफाई और देखरेख का भी खास ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही यूपी सरकार पर स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रहने के लिए 10 करोड़ रुपये का पर्यावरण जुर्माना भी लगाने की मांग की गई थी।
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