जुबिली स्पेशल डेस्क
नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का गुस्सा अब सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन में बदल चुका है। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में हजारों की संख्या में युवा सरकार विरोधी प्रदर्शनों में उतर आए। इसे Gen-Z आंदोलन कहा जा रहा है।
काठमांडू में प्रदर्शन उग्र हो गया और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस ने आंसू गैस, वाटर कैनन और रबर बुलेट तक का इस्तेमाल किया।
सरकार ने काठमांडू, पोखरा समेत छह शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया है और सेना को सड़कों पर उतार दिया गया है। अब तक 22 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोपों से घिरी ओली सरकार को बड़ा झटका तब लगा जब गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र सौंपते हुए कहा कि वे “नैतिक कारणों” से पद छोड़ रहे हैं।
वहीं, कैबिनेट मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इन प्रदर्शनों को लोकतंत्र पर हमला करार दिया और विपक्ष पर हालात भड़काने का आरोप लगाया।
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