जुबिली स्पेशल डेस्क
अगला साल भारतीय राजनीति के लिए काफी अहम है। दरअसल अगले साल लोकसभा चुनाव होना है। मोदी को रोकने के लिए इंडिया नाम का गठबंधन बनाया है लेकिन ये इंडिया नाम का गठबंधन कितना चुनौती दे पायेगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेंगे लेकिन मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद में जमकर हंगामा काटाहै।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस और विपक्ष कोई खास कमाल नहीं कर सका। लोकसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष लगातार पीएम से मणिपुर हिंसा पर चुप्पी तोडऩे के लिए कह रहा रहा था। विपक्ष ने पूरी तरह से बीजेपी और मोदी सरकार को घेरने के लिए पूरा जोर लगा दिया और इसी के तहत विपक्ष मोदी सरकार को घेरने के इरादे से अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया।
हालांकि अगर अविश्वास प्रस्ताव पर गौर करें तो ये पहले तय हो गया था कि जीत मोदी सरकार की होगी लेकिन विपक्ष ने भी एक के बाद एक हमले जारी रखे। इसका नतीजा ये हुआ कि एक बार तो सरकार बैकफुट पर जरूर चला गया था लेकिन मोदी ने वक्त रहते ही एक बार फिर बाजी को पलट दी।
पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर जब संसद में बयान दियाऔर उनका निशाना कांग्रेस पर ही रहा। राहुल गांधी पर उन्होंने जमकर हमला बोला।

पीएम मोदी के अनुसार कहें तो कोई तैयारी नहीं , कोई इनोवेशन नहीं , न कोई घेरने के लिए ढंग के मुद्दे तो अविश्वास प्रस्ताव लाया ही क्यों? ऐसे में बीजेपी समर्थकों की माने तो कांग्रेस और विपक्ष दोनों यहां पर फेल हुआ है और 2024 के चुनावों से पहले कांग्रेस को एक बार फिर मोदी सरकार ने घेरना शुरू कर दिया है।
अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेेस की तरफ से राहुल गांधी ने अकेले ही मोर्चा संभाला और उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है और साथ में कई मौको पर तंज किया है।
राहुल गांधी के भाषण से मोदी सरकार की नींद जरूर उड़ी होगी क्योंकि उन्होंने पूरी तरह से फोकस मणिपुर पर रखा और सरकार को घेरा।
कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के आलावा और कोई बड़ा चेहरा नहीं था जो मोदी सरकार को जवाब दे सके। ऐसे में इसके बारे में कांग्रेस को सोचना होगा।
कुल मिलाकर 2024 में मोदी सरकार को कितना टक्कर दे पायेगा विपक्ष ये आने वाला वक्त ही बतायेंगा लेकिन इतना तय है कि फिर से कांग्रेस जिंदा होती हुई नजर आ रही है।
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