जुबिली स्पेशल डेस्क
नवंबर का महीना शुरू हो चुका है और दिल्ली की हवा में एक बार फिर जहर फैलता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल बढ़ता प्रदूषण दिल्ली की हवा को पूरी तरह से खराब करता हुआ नजर आ रहा है।
लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है। दिल्ली इस वक्त सुबह-शाम काले धुंध की चपेट में हैं और लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ती हुई नजर आ रही है।

इस वजह से लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली में इस तरह के हालात है बल्कि पंजाब से लेकर पाकिस्तान और बंगाल की खाड़ी तक धुंध की चादर की चपेट में है। वहीं, मुंबई की एयर क्वालिटी खराब बतायी जा रही है।
उधर अमेरिकी स्पेस रिसर्च एजेंसी ने कुछ सैटेलाइट तस्वीरें मीडिया में शेयर की जिससे ये पता चला है कि दिल्ली के साथ ही पाकिस्तान से लेकर बंगाल की खाड़ी तक प्रदूषण फैला हुआ है।
नासा के वर्ल्डव्यू सैटेलाइट के डेटा से पता चलता है कि उत्तर भारत में खेतों में आग लगने की घटनाओं में तेज वृद्धि के साथ धुंध भी जुड़ी हुई है। 29 अक्टूबर के बाद से खेतों में आग लगने की घटनाओं में तेजी आई है और इस वजह से प्रदूषण बढ़ा है।
क्या है एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स)
- 0-50 अच्छा
- 51-100 औसत
- 101-200 असामान्य
- 201-300 खराब
- 301-400 ज्यादा खराब
- 400 से ज्यादा बेहद खतरनाक
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गणना : वायु गुणवत्ता सूचकांक कण पदार्थ (पीएम<सब>2.5और पीएम<सब>10), ओजोन (ओ<सब>3), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO) 2 ), सल्फर डाइऑक्साइड (SO 2 ) और कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) उत्सर्जन के माप पर आधारित है।
इससे पहले जब 2021 में स्थिति ख़राब हुई थी तब दिल्ली-एनसीआर में अब 50 फीसदी स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा गया था । ये 21 नवंबर तक लागू रहा था । सरकारी बल्कि प्राइवेट को भी यह आदेश मानने को कहा गया था कहा गया था।
मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां और खेतों में आग लगाने (पराली आदि जलाने) को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का कारण माना जा रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि लोगों को सांस लेने में समस्या बढ़ सकती है। वहीं, वैज्ञानिकों ने अगले दो हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी होने की चेतावनी दी है।
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