Tuesday - 29 July 2025 - 1:14 PM

रहस्यमयी मेहमान या एलियन मिशन? 3I/ATLAS ने बढ़ाई खगोलशास्त्रियों की धड़कनें

जुबिली न्यूज डेस्क 

नई दिल्ली | खगोलशास्त्रियों ने 1 जुलाई को एक रहस्यमयी इंटरस्टेलर पिंड की खोज की है, जो 130,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हमारे सौर मंडल में दाखिल हो रहा है। इस ऑब्जेक्ट को नाम दिया गया है 3I/ATLAS और यह आकार में लगभग 15 मील चौड़ा है—यानि न्यूयॉर्क के मैनहटन से भी बड़ा।

 तीसरी बार इंटरस्टेलर मेहमान

यह अब तक का तीसरा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है जिसे वैज्ञानिकों ने ट्रैक किया है। इससे पहले 2017 में ‘ओउमुआमुआ’ और 2019 में 2I/बोरिसोव की खोज की गई थी। हालांकि, 3I/ATLAS को लेकर वैज्ञानिकों में खासा उत्साह और चिंता देखने को मिल रही है, क्योंकि इसका हाइपरबोलिक पथ यह बताता है कि यह सौर मंडल से बाहर की किसी अज्ञात दिशा से आया है।

 हार्वर्ड वैज्ञानिक की चेतावनी

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित खगोलशास्त्री प्रोफेसर एवी लोएब ने 3I/ATLAS को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। उनका मानना है कि यह कोई सामान्य प्राकृतिक पिंड नहीं है। “इसका मार्ग बिल्कुल ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने जानबूझकर प्लान किया हो,” लोएब कहते हैं।

उन्होंने बताया कि यह ऑब्जेक्ट नवंबर 2025 में सूर्य के पास पेरिहेलियन पर होगा, एक ऐसा समय जब यह पृथ्वी की नज़र से ओझल हो सकता है। वे आशंका जताते हैं कि यह एलियन उपकरण तैनात करने का समय हो सकता है, जिससे यह मानव निगरानी से बच सके।

 क्या बाबा वेंगा की भविष्यवाणी हो रही है सच?

बल्गेरियाई रहस्यवादी बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी की थी कि 2025 में मानवता को पहली बार एलियंस से संपर्क होगा। अब जब 3I/ATLAS जैसी रहस्यमय वस्तु की खोज हुई है और वैज्ञानिक भी एलियन संभावना को नकार नहीं रहे, तो बाबा वेंगा की यह भविष्यवाणी फिर से चर्चा में आ गई है।

 क्या यह ‘डार्क फॉरेस्ट’ मिशन है?

कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ऑब्जेक्ट डार्क फॉरेस्ट थ्योरी के तहत एक शांत लेकिन रणनीतिक निगरानी मिशन हो सकता है। इस सिद्धांत के अनुसार, उन्नत एलियन सभ्यताएं खुद को छिपा कर रखती हैं ताकि कोई दूसरी आक्रामक सभ्यता उन्हें न ढूंढ पाए।

अगर 3I/ATLAS कोई एलियन सर्विलांस मिशन है, तो यह कोई ‘पीसफुल ग्रीटिंग’ नहीं बल्कि संभावित जासूसी या सैन्य जांच हो सकती है।

ये भी पढ़ें-संसद मस्जिद विवाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जांच के दिए आदेश

 अब ज़रूरत है ‘प्लैनेटरी डिफेंस’ की

प्रो. लोएब का सुझाव है कि अब हमें अपने प्लैनेटरी डिफेंस सिस्टम को एलियन खतरे को ध्यान में रखते हुए दोबारा डिजाइन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मिशन को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, क्योंकि हो सकता है कि हमारी पृथ्वी अब तक का सबसे बड़ा निगरानी मिशन झेल रही हो—और हमें पता भी न हो।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com