Friday - 30 May 2025 - 5:33 AM

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर रहस्यमयी बीमारी, 14 घोड़े-खच्चरों की मौत

जुबिली न्यूज डेस्क 

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर एक रहस्यमयी बीमारी ने घोड़े-खच्चरों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे तीर्थयात्रियों और पशुपालकों के बीच हड़कंप मच गया है। बीते दो दिनों में 14 घोड़े-खच्चरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उत्तराखंड सरकार ने तत्काल प्रभाव से अगले 24 घंटे के लिए घोड़े-खच्चरों के संचालन पर अस्थायी रोक लगा दी है।

रविवार को 8 और सोमवार को 6 घोड़े-खच्चरों की मौत के बाद पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम खुद रुद्रप्रयाग पहुंचकर हालात का जायजा ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एहतियातन यह निर्णय लिया गया है।

हिसार से विशेष जांच टीमें पहुंचेंगी केदारनाथ

डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि मंगलवार को केंद्र सरकार और हरियाणा के हिसार से विशेष विशेषज्ञ टीमों केदारनाथ पहुंचेंगी, जो मौतों की वजह की जांच करेंगी। प्रारंभिक जांच में यह मामला बैक्टीरियल इन्फेक्शन का लग रहा है, हालांकि सटीक कारण जांच के बाद ही पता चलेगा।

उन्होंने बताया कि अप्रैल में घोड़ों में इक्वाइन इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण मिले थे। उस दौरान 16,000 घोड़े-खच्चरों की स्क्रीनिंग की गई थी, जिनमें से 152 पॉजिटिव पाए गए थे, हालांकि सभी के RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आए थे।

केदारनाथ में हर जानवर की पहले होगी जांच

सरकार ने स्पष्ट किया है कि केदारनाथ यात्रा जारी रहेगी, लेकिन यात्रा मार्ग पर भेजे जाने वाले हर घोड़े-खच्चर की स्वास्थ्य जांच जरूरी होगी। सिर्फ नेगेटिव रिपोर्ट वाले जानवरों को ही यात्रियों को ढोने की अनुमति दी जाएगी।

यदि किसी जानवर में नाक बहने जैसे लक्षण पाए गए, तो तत्काल RT-PCR टेस्ट कराकर उसे क्वारंटीन में रखा जाएगा। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उसे यात्रा मार्ग पर भेजा जाएगा।

पशुपालकों में चिंता, सरकार से मुआवजे की मांग

केदारनाथ मार्ग पर सैकड़ों पशुपालक अपने घोड़े-खच्चरों से आजीविका कमाते हैं। लगातार मौतों और संचालन पर रोक से उनमें चिंता और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। कई पशुपालकों ने सरकार से मुआवजे और स्वास्थ्य जांच में सहयोग की मांग की है।

पशुपालन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस सभी विभाग मिलकर निगरानी बढ़ा रहे हैं। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी बीमार जानवर यात्रा मार्ग पर न लाया जाए। सभी बेस कैंपों पर निगरानी और स्क्रीनिंग बढ़ा दी गई है।

सरकार की सक्रियता से श्रद्धालुओं को राहत

डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि 2010 में भी ऐसी ही बीमारी के कारण यात्रा रोकनी पड़ी थी, लेकिन इस बार विभाग पहले से ज्यादा सतर्क है। समय रहते जांच और स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है ताकि स्थिति नियंत्रण में रखी जा सके।

ये भी पढ़ें-UP के इन जिलों होगी मॉक ड्रिल, देखिए पूरी लिस्ट देखिए

केदारनाथ मंदिर परिसर में डीजे पर नाचते युवाओं का वीडियो वायरल होने के बाद रुद्रप्रयाग पुलिस ने भी पुष्टि करते हुए जांच शुरू कर दी है।सरकार के ये कदम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com