जुबिली स्पेशल डेस्क
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत के आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख को वैश्विक मंच पर मजबूत तरीके से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल (All-Party Delegation) हाल ही में विभिन्न देशों की राजधानियों की यात्रा के बाद भारत लौट आया है।
वापसी के बाद, मंगलवार शाम को प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष मुलाकात की और अपने-अपने अनुभव साझा किए। हालांकि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, जो इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, इस बैठक में शामिल नहीं हो सके।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी अनुपस्थिति राजनीतिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत कारणों से थी। ओवैसी ने बताया कि उन्हें एक मेडिकल इमरजेंसी के चलते दुबई जाना पड़ा, जहां उनके बचपन के दोस्त और रिश्तेदार की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। ओवैसी ने यह भी कहा कि उन्होंने इस बाबत प्रतिनिधिमंडल के नेता बैजयंत पांडा को पहले ही सूचित कर दिया था।
ऑल-पार्टी डेलीगेशन की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी पाकिस्तान पर तीखे तेवर दिखाए।
ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान की ओर से हुआ यह हमला पूरे देश को हिला कर रख देने वाला है। हम मानते हैं कि AIMIM और बीजेपी की विचारधारा अलग है और इस पर हमारा विरोध बना रहेगा, लेकिन जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो राजनीति और वैचारिक मतभेदों का कोई स्थान नहीं बचता। कोई भी देश अगर हमारे घर में घुसकर हमारे ही लोगों को मारेगा, तो हम भारत और भारत के लोगों के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।”
प्रधानमंत्री ने जाना प्रतिनिधिमंडल का अनुभव
प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई इस बैठक का उद्देश्य प्रतिनिधिमंडल के अनुभवों और फीडबैक को सुनना था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया कि जिस भी देश में डेलीगेशन गया, वहां भारत के इस कड़े रुख की सराहना हुई।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री से यह एक बेहद अनौपचारिक और सकारात्मक बातचीत थी। हमने उन्हें सुझाव दिया कि इस तरह की पहल भविष्य में भी जारी रहनी चाहिए।”