
जुबली डेस्क
देश के सौ से अधिक दिग्गज फिल्म निर्माताओं ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फिल्म निर्माताओं ने लोगों से अपील की है कि बीजेपी को वोट न दें। इन लोगों का मानना है कि भाजपा के शासनकाल में धु्रवीकरण और नफरत की राजनीति में बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रतिष्ठित अखबार द हिंदू के अनुसार लोकतंत्र बचाओ मंच के तहत देश के सौ से अधिक फिल्म निर्माता एकजुट हुए। इन फिल्म निर्माताओं में ज्यादातर स्वतंत्र फिल्म निर्माता हैं। इन लोगों ने भाजपा को वोट न देने की अपील की है। शामिल फिल्म निर्माताओं में आनंद पटवर्धन, गुरविंदर सिंह, सुदेवन, दीपा धनराज,पुष्पेंद्र सिंह, कबीर सिंह चौधरी, एसएस शशिधरन, देवाशीष मखीजा, अंजलि मोंटेइरो, प्रवीण मोरछले और उत्सव के निर्देशक और संपादक बीना पॉप जैसे नामी फिल्मकार भी शामिल हैं। इन लोगों का यह बयान शुक्रवार को आर्टिस्ट यूनाइट इंडिया डॉट कॉम वेबसाइट पर डाला गया है।

अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रही है मोदी सरकार
एकजुट हुए फिल्म निर्माताओं का मानना है कि बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए के शासनकाल में धुव्रीकरण और घृणा की राजनीति में बढ़ोतरी हुई है। दलितों, मुसलमान और किसानों को हाशिए पर धकेल दिया गया है। सांस्कृतिक और वैज्ञानिक संस्थानों को लगातार कमजोर किया जा रहा है और सेंसरशिप में बढ़ोत्तरी हुई है। इन लोगों कहा कि सरकार अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रही है। इसके अलावा और कई कारण गिनाए।
देशभक्ति को तुरुप के इक्के की तरह इस्तेमाल कर रही है भाजपा
फिल्म निर्माताओं के कहा है कि भाजपा देशभक्ति को तुरुप के इक्के की तरह इस्तेमाल कर रही है। कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकार के प्रति थोड़ी सी भी असहमति जताता है तो उसे राष्ट्र विरोधी या देशद्रोही करार दिया जाता है। इतना ही नहीं मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) और गोरक्षा के नाम पर देश को सांप्रदायिकता के आधार पर बांटा जा रहा है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि भाजपा देशभक्ति को अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही सशस्त्र बलों को अपनी रणनीति में शामिल करके राष्ट्र को युद्ध में उलझाने की कोशिश कर रहा है।
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