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कर्ज के बोझ से जूझ रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने के लिए एक बार फिर से बोली मंगाई गई है। सरकार ने एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने एक मंत्री समूह ने 7 जनवरी को इस सरकारी विमानन कंपनी के निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एयर इंडिया पर 80 हजार करोड़ रुपये का बकाया है। सरकार ने 17 मार्च तक एयर इंडिया के शेयरों की खरीद के लिए बोलियां मंगाई हैं।

बिडिंग प्रक्रिया में जो क्वॉलीफाई करेंगे, उन्हें 31 मार्च तक इसकी जानकारी दे दी जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 पर्सेंट शेयर सरकार के पास ही हैं।
इससे पहले 2018 में एयर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव मोदी सरकार लेकर आई थी, लेकिन इस डील के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। ऐसे मे सरकार ने 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।
एयर इंडिया करीब 70 हजार करोड़ नुकसान में है। डमेस्टिक मार्केट में एयर इंडिया का शेयर 12.7 फीसदी है। 2019 में 18.36 मिलियन पैसेंजर्स ने एयर इंडिया से उड़ान भरी थी।
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