प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने आज इमामबाड़ा गुफरानमआब में प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि अज़ादारी और दस मोहर्रम को निकाले जाने वाले ताजिये को लेकर सरकार, प्रशासन और पुलिस कमिश्नर से बात हो चुकी है लेकिन अब तक ताजियों को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर ताजिया निकालने की इजाज़त नहीं मिली तो अन्य धर्मगुरुओं के साथ वह इमामबाड़ा गुफरानमआब में धरने को मजबूर होंगे.

मौलाना कल्बे जवाद ने बताया कि लखनऊ के प्रमुख इमामबाड़ों में मजलिसों की परमीशन मिली है, जिसमें सिर्फ पांच लोग ही शामिल हो सकते हैं. यह परमीशन भी लिखित में नहीं है.

उन्होंने बताया कि सरकार ने मोहर्रम के जुलूसों की इजाज़त नहीं दी है. दसवीं मोहर्रम को ताजिये दफन करने के मुद्दे पर भी सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अज़ादारी और ताजियों को दफन करने की मांग को लेकर अन्य धर्मगुरुओं के साथ धरना भी दिया जाएगा.
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प्रेस कांफ्रेंस के फ़ौरन बाद मौलाना कल्बे जवाद और अन्य धर्मगुरु इमामबाड़ा गुफरानमआब में धरने पर बैठ गए. धरने की सूचना पाकर डीसीपी पश्चिम ने इमामबाड़ा गुफरानमआब पहुंचकर मौलाना से मुलाक़ात की और उनसे धरना खत्म करने का अनुरोध करते हुए आश्वस्त किया कि वह सरकार तक उनकी बात ज़रूर पहुंचाएंगे.
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