जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व सांसद और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब यात्रा के दौरान जानवरों पर हो रही क्रूरता देखकर ऐसा लगता है कि “भगवान भी चारों धामों को छोड़कर चले गए हैं।”
हेमकुंड साहिब का जिक्र
मेनका गांधी ने बताया कि पिछले साल केवल हेमकुंड साहिब से करीब 700 जानवर नीचे गिरकर मौत का शिकार हुए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब जगह-जगह कंक्रीट बिछा दिया गया हो, घास और फूलों के मैदान खत्म हो गए हों, तो यहां कौन सा भगवान टिकेगा?
उनका कहना था – “पहले जब हम वहां जाते थे तो लगता था मानो स्वर्ग पहुंच गए हों। लेकिन आज मिट्टी, क्रूरता और बेजुबान जानवरों की हालत देखकर दिल टूट जाता है। आखिर लोग वहां पहुंचते किसलिए हैं?”
घोड़े-खच्चरों के इस्तेमाल पर सवाल
मेनका गांधी ने विशेष रूप से घोड़े और खच्चरों के अत्यधिक इस्तेमाल पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या और पैसे कमाने की होड़ में अक्सर इन बेजुबान जानवरों को आराम तक नहीं दिया जाता। यही वजह है कि हर साल बड़ी संख्या में जानवरों की मौत हो जाती है।
सरकार पर भी उठाए सवाल
एनिमल वेलफेयर एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने सरकार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार हर साल नियम बनाती है—जैसे खाने की व्यवस्था, 3-4 घंटे आराम आदि—लेकिन जमीनी स्तर पर इनका पालन नहीं होता।
सियासत में गर्मी
मेनका गांधी के इस बयान से राजनीति और धार्मिक संगठनों में हलचल मच गई है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने चारधाम यात्रा के दौरान जानवरों के साथ हो रही क्रूरता का मुद्दा उठाया हो।