जुबिली स्पेशल डेस्क
इज़राइल ने शुक्रवार को ईरान पर बड़ा सैन्य हमला किया, जिसमें कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने और शीर्ष कमांडरों की मौत की खबरें सामने आई हैं। इस हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर पहुंच गया है और ईरान अब इज़राइल पर जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक धमकी भरा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने ईरान को चेताते हुए कहा है कि अगर उसने समझौते की राह नहीं अपनाई, तो उसे भारी तबाही का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा—”मैंने ईरान को कई बार सौदा करने का मौका दिया। मैंने उन्हें साफ शब्दों में कहा, बस कर दो। लेकिन वे कभी समझ नहीं पाए। अमेरिका ने अब तक के सबसे शक्तिशाली और घातक सैन्य उपकरण बनाए हैं और इज़राइल के पास इसका विशाल भंडार है। वे जानते हैं कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है।“
ट्रंप यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा— “ईरान के कुछ कट्टरपंथियों ने बहादुरी दिखाने की कोशिश की, लेकिन अब वे सब मारे जा चुके हैं। स्थिति और भी भयानक हो सकती है। पहले ही भारी जानमाल का नुकसान हो चुका है, लेकिन अभी भी नरसंहार को रोकने का समय है।“
उन्होंने ईरान से तत्काल समझौते की अपील करते हुए कहा— “ईरान को आगे की तबाही से पहले शांति की राह चुननी चाहिए। अब और मौत नहीं, कोई और विनाश नहीं। इसे यहीं खत्म करो, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।“

ट्रंप ने अंत में कहा—”ईश्वर आप सभी का भला करे।” ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इज़राइली हमले के बाद सख्त प्रतिक्रिया दी है। अपने आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा कि “यहूदी शासन को इस दुस्साहस की भारी कीमत चुकानी होगी। ईरान इसका जवाब देने की पूरी तैयारी कर रहा है।”
खामेनेई ने आगे कहा, “जो लोग इस हमले में मारे गए हैं, उनकी जगह नए लोग तुरंत जिम्मेदारी संभालेंगे। हम अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं। इज़राइल ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी भूल कर दी है, और अब उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की नतांज़ एनरिचमेंट फैसिलिटी को भी निशाना बनाया गया, जिसे अब पूरी तरह से नष्ट बताया जा रहा है। ईरान के एटॉमिक एनर्जी प्रमुख ने स्वयं इस बात की पुष्टि की है कि नतांज़ रिएक्टर अब पूरी तरह बर्बाद हो चुका है।
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