Wednesday - 24 December 2025 - 11:25 PM

महामना मालवीय मिशन, लखनऊ ने मनाई पं. मदन मोहन मालवीय की 164वीं जयंती

लखनऊ। महामना मालवीय मिशन, लखनऊ द्वारा भारत रत्न महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी की 164वीं जयंती की पूर्व संध्या पर गोमतीनगर स्थित विवेक खंड–1 में एक भव्य, गरिमामय एवं वैचारिक समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महामना मालवीय मिशन, नई दिल्ली के संरक्षक श्री प्रभु नारायण श्रीवास्तव ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि महामना मालवीय जी हिंदू समाज के अजातशत्रु थे और उनके समान महान व्यक्तित्व का जन्म आज तक विश्व में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि महामना मालवीय मिशन उनके आदर्शों पर चलते हुए निरंतर समाज सेवा के कार्यों में सक्रिय है।

उन्होंने महामना जी के प्रेरणादायी दोहे“मर जाऊँ पर माँगू नहीं, अपने हित के काज।परमारथ के कारणे, मोहिं न आवै लाज।”का उल्लेख करते हुए कहा कि यही मिशन की कार्यशैली का मूल मंत्र है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रसिद्ध वरिष्ठ पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक एवं विचारक श्री पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ रहे। अपने सारगर्भित संबोधन में उन्होंने महामना मालवीय जी के राष्ट्र निर्माण, शिक्षा और सामाजिक उत्थान में दिए गए अतुलनीय योगदानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महामना जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा को समर्पित था और उनके विचार आज भी समाज को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।

श्री कुलश्रेष्ठ ने कहा कि भारत सदैव कर्मप्रधान राष्ट्र रहा है, न कि जातिप्रधान। उन्होंने संविधान में पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा किए गए संशोधनों, आपातकाल और ‘सेकुलर’ शब्द जोड़े जाने जैसे मुद्दों पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली, लेकिन उस दिन सत्ता का हस्तांतरण ब्रिटिश संसद के अधिनियम के माध्यम से हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित अनेक क्रांतिकारियों का योगदान अतुलनीय रहा है।

मिशन की लखनऊ शाखा के महासचिव श्री देवेंद्र स्वरूप शुक्ला ने सभी को महामना मालवीय जी की 164वीं जयंती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि मिशन शिक्षा, सामाजिक एवं धार्मिक उत्थान के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से निर्धन एवं वंचित वर्ग के बच्चों की शिक्षा के प्रति मिशन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

इस अवसर पर मिशन के वरिष्ठ सदस्य  आर.एन. वर्मा को उनके उत्कृष्ट एवं समर्पित योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वहीं, प्रचार सचिव श्री वी.पी. श्रीवास्तव एवं संगठन सचिव  प्रदीप मिश्रा द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यालय को शील्ड प्रदान की गई। इसके अलावा कक्षा-2 की छात्रा द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सस्वर एवं शुद्ध पाठ प्रस्तुत करने पर उसे प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का प्रभावशाली मंच संचालन मिशन के वरिष्ठ सदस्य श्री रमाकांत पांडे द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी (चिन्मय मिशन, लखनऊ) एवं श्री विक्रांत खंडेलवाल (क्षेत्रीय संगठन मंत्री, भारत विकास परिषद) उपस्थित रहे।

समारोह में देवेंद्र अस्थाना, डी.आर. मालवीय, शशि प्रकाश सिंह, आनंद कृष्ण ओझा, विसंभर नाथ पांडे, मनीष पांडे, विष्णु गुप्ता, अभिषेक दुबे, निरान्जली सिन्हा, रजनीश कुमार, प्रशांत सिंह, उमेश मोदी, डी.एन. श्रीवास्तव, प्रभाकर भट्ट, एम.सी. द्विवेदी, निमेष जी, सुधाकर अवस्थी, अनिल सिंह, ब्रजेश कुमार, प्रखर निगम एवं शिखा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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